क्या जीवन में गुरु का होना आवश्यक है?
ये कोई नैतिक सिद्धान्त नहीं है वल्कि एक जीवन की जरूरत है कि गुरु का जीवन में होना बेहद जरूरी है. एक गुरु आपके जीवन को प्रकाश से भर देता है.बिना गुरु के जीवन उस नाव जैसा है जो समुद्र में बिना माझी के तैर रही है.लेकिन जब जीवन रूपी नाव को उसका माझी मिल जाता है तो निश्चित रूप से नाव तेज़ तूफान से भी बचकर किनारे तक पहुंच जाती है.ठीक इसी प्रकार जब गुरु उस भटकती हुई जीवन रूपी नाव जो रास्ता बताता है तो जीवन की मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों को भी इंसान हँसकर झेल जाता है.कठिन समय इंसान को कमजोर नहीं करता वल्कि इंसान कमजोर तब पड़ जाता है जब वह अकेला पड़ जाता है,यही वो भावना है जिस से इंसान दूसरों को स्वयं से अलग करता है.एक गुरु आपको भौतिक रूप में कुछ न दे सके लेकिन मानसिक शांति अवश्य देता है.असल में शांति जीवन का चरम लक्ष्य नहीं वल्कि ये जीवन की मौलिक जरूरत है जिसकी हर व्यक्ति को आवश्यकता है.गुरु का अर्थ है भारी. ज्ञान सभी से भारी है अर्थात महान है अतः पूर्ण ज्ञानी चेतन्य रूप पुरुष के लिए गुरु शब्द प्रयुक्त होता है, उसकी ही स्तुति की जाती है.मूलतः गुरु वह है जो ज्ञान दे,आपको जीवन की मुश्किलों से सदैव सचेत कर आपके भीतर चेतना भर दे.ये आप पर निर्भर करता है कि आप किसे गुरु के रूप में मानते हैं?जिस प्रकार माँ-बाप के बिन एक बच्चे का जीवन अधूरा सा लगता है उसी प्रकार गुरु के बिना भी ये जीवन अंधकारमय और अधूरा सा लगता है.
Very nice bro...
जवाब देंहटाएंSahi he, hamari life me bhi ek guru hona hi chahiye