Passive income क्या है? Blogger या अपनी website से Passive income कैसे कमाते हैं?

Passive income वह इनकम होती है जिसमें आपको सक्रिय रहने की आवश्यकता नहीं होती, उदाहरण के तौर पर अपना घर, ज़मीन, दुकान या वाहन किराए पर दे देना, स्टॉक या शेयर मार्केट में निवेश, अपनी धनराशि का बैंक में एफ. डी. कर ब्याज प्राप्त करना, अपना ऑनलाइन ऐप बनाकर प्ले स्टोर पर पब्लिश करना, लेखक के रूप में ब्लॉगर पर कार्य करना (blogging), अपनी स्वयं की वेबसाइट से आय अर्जित करना आदि paasive income के स्रोतों के अंतर्गत आता है।


    01. ब्लॉगिंग से पैसिव इनकम कैसे होती है?


    ▪ हालाँकि ये लिखने-सुनने में तो आसान प्रतीत होता है किंतु ऑनलाइन passive income की बात की जाए तो यह स्वयं की दक्षता, योग्यता एवं कठिन परिश्रम से ही संभव हो पाता है। अधिकांश लोग सफलता के फल को पाने और उसके स्रोत को जानने की इच्छा तो रखते हैं किंतु जब वे उसके भीतर के परिश्रम को देखते हैं जहाँ सिर्फ संभावित तौर पर सफलता की गारंटी हो, तो वे अपना रुख बदल देते हैं। किंतु सच्चाई यही है कि यदि आपको तुरंत फल चाहिए तो मिर्च जैसे पौधों से वह प्राप्त किया जा सकता है किंतु वह पौधा आपको कितने season तक मिर्च देगा? वहीं यदि आम का पौधा लगाया है तो संभावित तौर पर ये कहा जा सकता है कि उसके फल पाने में वर्षों भी लग सकती हैं, किंतु सच्चाई यह भी है कि एक बार फल आने के बाद जीवन भर हर season में वह आम का पेड़ आपको फल अवश्य देता रहता है। बस यही विचार ब्लॉगिंग में भी लागू होता है, जो लोग सही दिशा में मेहनत करते रहते हैं वही एक दिन दूसरों को अपनी सफलता के रहस्यों को बता पाते हैं, इसलिए ब्लॉगिंग में आपको धैर्य के साथ सही दिशा में परिश्रम करना होता है। 

    02. धेर्य रखकर अच्छी गुणवत्ता के आर्टिकल्स कैसे लिखें?


    ▪ किसी शार्ट कट के माध्यम से कॉपी कंटेंट, गैर जरूरी या अधूरी जानकारी वाला कंटेंट नहीं वल्कि 400 words से ऊपर और अधिकतम 1100 words के प्रति आर्टिकल वाला आवश्यक सूचनाओं, जानकारियों से भरा अच्छी क्वालिटी का कंटेंट ही पब्लिश करना है, जिसे पढ़कर लोगों को अच्छी, सटीक और सही जानकारी मिले। मैं फिर दोहराता हूँ, ब्लॉगिंग के carrier में आपको हमेशा अपना ओरिजिनल कंटेंट ही लिखना है, आप गूगल को किसी भी प्रकार से वेवकूफ बनाने का प्रयास न करें, गूगल का सिस्टम इतना एडवांस है कि आपके द्वारा कॉपी किया हुआ 10 वर्ड्स का सेंटेंस भी पकड़ लेगा कि ये आपने कॉपी किया है। इससे आपके ब्लॉग को monetise करने में समस्याएं आती हैं। मैंने पहले 60-80% कंटेंट एक अन्य ब्लॉग पर लिखा था बाकी का कॉपी किया था, तो जब भी मैं उसे monetisation के review के लिए भेजता था तो low value content के issue के साथ मेरा वह ब्लॉग रिजेक्ट कर दिया जाता था, ऐसा तकरीबन 8-10 बार हुआ, और अंत में मैंने अपना पूरा ब्लॉग साइट ही remove कर दिया, क्योंकि जब कंटेंट मोनेटाइज ही नहीं होगा तो मेहनत भी व्यक्ति क्यों करेगा? 


    03. अपनी कैटेगरी के अनुसार उचित पोस्ट लिखना


    ▪ अब इस घटना से मैं आपको ये बताना चाहता हूँ कि जो मैंने 60-80% ओरिजिनल कंटेंट लिखा था वो बाकी के copy content की वजह से उसे प्रभावित कर रहा था। इसलिए मैं आपको यही सलाह देता हूँ कि जब भी कोई कार्य करें, अपना ओरिजिनल ही करें जिस से आप निश्चिन्त रह सकें। और आपके ओरिजिनल कंटेंट को ही हर जगह प्राथमिकता मिलती है न कि कॉपी किये गए कार्य को। तो उम्मीद करता हूँ दोस्तों आपको आज बहुत कुछ जानने को मिला होगा और अब आप सही दिशा में अपने कार्य को कर सकेंगे। सही दिशा से मेरा तात्पर्य एक विशेष केटेगरी से है, आप ब्लॉगिंग में जो भी कंटेंट लिखना चाहते हैं वो किसी विशेष कैटेगिरी से ही जुड़ा हुआ हो न कि खिचड़ी जैसा। चाहे आप आप साइंस कंटेंट चुनें, टेक चुनें, इतिहास, भाषा ज्ञान, हेल्थ, शायरी, कोट्स, मोटिवेशन, न्यूज़, धार्मिक या अपनी कोई रुचि से जुड़े ब्लॉग आदि लिखना पसंद हैं तो सारे ब्लॉग्स उसी केटेगरी के लिखें जिस से ब्लॉगिंग में आपके सफल होने की संभावना अधिक हो।

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