अगर प्यार में धोखा खा गए? तो इसे समझ लो।


सर, मैं एक लड़की से बेहद प्रेम करता था, परंतु वह लड़की मुझे धोखा दे गई, अब मेरा प्रेम से विश्वास उठ गया है, मैं अकेले ही जीवन व्यतीत करना चाहता हूँ, कृपया मार्गदर्शन दें.
सवाल किया है मेरठ के रहने वाले रोहित (बदला हुआ नाम) ने।

 

तो प्रश्न का तर्क सहित जवाब एवं उचित मार्गदर्शन यही है कि जीवन की मुश्किलों में फँसे एक नाव पर सवार माँझी ही हो तुम, या तो तुम्हें अपनी नाव पर भरोसा नहीं या नाव ही धोखेबाज है जो सही नाविक को पहचान नहीं रही।


    क्या तुम अब सबक सीख गए?

    मैं यहाँ तुम्हे प्रेम की परिभाषा नहीं बता रहा, वल्कि ये बता रहा हूँ कि तुम्हें जो ये आघात पहुँचा है उसकी वजह प्रेम नहीं है। जैसा कि तुमने लिखा कि तुम उस लड़की से बेहद प्रेम करते थे, अर्थार्त अब नहीं करते? तो जो चीज़ बीत गयी है वो आज तुम्हें व्यथित क्यों कर रही है, जाहिर है तुमने अपना बहुत कुछ उसपर लुटाया है उसी की तकलीफ आज तुम्हें हो रही हो, आज तुम मान रहे हो कि वो धोखेबाज़ थी। क्या वो पहले ऐसी नहीं थी? थी तो वो पहले भी ऐसी पर तुम्हारी किसी खास आदत ने उसका ये रूप जाहिर करवा दिया। तुमने साफ लिखा कि वह तुम्हें धोखा दे गई अर्थात अब तुम्हारी आँखे उस पर्दे के पीछे की हकीकत साफ देख रहीं हैं। तीसरे वाक्य में तुमने लिखा कि अब तुम्हारा प्रेम से विश्वास उठ गया है। अर्थात अब तुम नफरत सीख गए हो ऐसा भी तुमने नहीं कहा। 

    परिवर्तन में तुम कितना विश्वास रखते हो?

    तो सीधा सा ये जान लो कि अगर सजीव चीज़ से तुम प्रेम करोगे तो अंत में तुम्हे शिकायतें ही होंगी, क्योंकि कोई भी इंसान तुम्हारे न होने से खाली तो नहीं बैठेगा। तुम अभी अपने फ़ोन के मालिक हो,लेकिन असली मालिक तो इसे बनाने वाली कंपनी है। फ़ोन के मालिक बदल रहे हैं फ़ोन तो वही है। अब कौन असली है या कौन कुछ समय के लिए है या कौन परमानेंट है ये तो समय ही बताता है। तो समय ने तुम्हें ये बता दिया कि तुम अभी स्वयं के मालिक हो। चौथे वाक्य में तुमने ये कहा कि अब तुम अकेले जीवन व्यतीत करना चाहते हो। इस वाक्य का सीधा कनेक्शन तुम्हारे पहले वाक्य से ही तो है। न तुम उस से प्रेम करते, न वो तुम्हे धोखा देती, न तुम्हारा प्रेम से भरोसा उठता और न तुम अकेले रहने का विचार मन में लाते। ये सारी फीलिंग्स तुम्हें आज आ रही हैं क्योंकि आज तुम्हें कहीं न कहीं तकलीफ हो रही है। यदि तुम आजसे ठीक 5 साल बाद स्वयं को देखोगे तो आज से बिल्कुल अलग विचार रखने वाले होगे, क्योंकि तब तक हो सकता है कि तुम्हारी ज़िंदगी में तुम्हारे न चाहने के वावजूद भी कोई और लड़की आ जाएगी और तुम्हें फर्क महसूस होने लगेगा कि अकेले रहने से कहीं गुना बेहतर ये था कि अतीत को पीछे छोड़कर आज पर ध्यान केंद्रित करना। 


    ऐसी स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए?

    क्या तुम्हें इस से फर्क पड़ता है कि तुम पिछले जन्म में मोर थे, नहीं पड़ता न। जो चोट कल लगी थी वो आज दर्द कर रही है, यदि सही इलाज हो गया तो कल तक वो बिल्कुल ठीक भी हो जाएगी। तो बीते कल और आने वाले कल के अंतराल को ही समय कहते हैं और तुम्हारी बातों से यही लगता है कि वाक्य 6 महीने या साल भर पुराना ही है। क्योंकि आजकल तो ट्रेंड ऐसा है कि लोग 15 दिन खाली नहीं बैठते, बहुत से क्या ज्यादातर ही लोग द्वितीय विकल्प रखे रहते हैं, कुछ महामहान लोग तो 3 या चार विकल्प भी रखते हैं। उनके पास तुम्हारे जैसे सवाल नहीं रहते क्योंकि तुम्हारे पास प्रश्न बहुविकल्पीय नहीं आया था। तो अब सीधा जवाब और उपाय यही है कि खुद को अंधेरे में झोंकने से बेहतर है अंधेरे में एक दिए को तलाश लो। अगर कोई इंसान तुम्हे गहरी चोट दे गया है तो उस से सबक ये लो कि तुम्हे अब तुम्हें स्वयं को इतना ऊपर उठाना है कि तुम्हें चोट देने वाला व्यक्ति भी जब तुम्हें देखे तो उसे स्वयं के कद का अंतर समझ आये। उस तकलीफ को स्वयं के विकास में लगा दो, कहो कि तुमने उसे माफ किया और अब तुम उस व्यक्ति से भी कई गुना जीवन में आगे बढ़कर दिखाओगे जिसे आज उसने चुना है। 


    क्या तुम ऐसा कर पाओगे? मैं समझता हूं तुम ऐसा अवश्य कर पाओगे, और जब तुम ऐसा कर लोगे तब तुम्हें स्वतः ही पता चल जाएगा कि उसका दिया हुआ धोखा तुम्हें कितना फायदा पहुँचा गया कि अब दुनिया तुम्हें ढूंढ रही है तब तुम दुनिया में किसी को ढूंढते फिरते थे, आज वही तुम्हारे साथ है जो असल में तुम्हारे साथ होने लायक था। उम्मीद है तुम्हें अपने जीवन का मार्गदर्शन मिल गया हो।

    सबसे पहले ये जान लो और मान लो कि तुम्हारे इस जीवन में तुम्हारा ये शरीर भी धोखेबाज है,जब तक तकनीक का प्रयोग नहीं करते तब तक तुम ये भी नहीं जान सकते कि तुम्हारा हीमोग्लोबिन कितना है,जब तुम स्वयं को जानने के लिए तकनीक पर निर्भर हो तो तुम ये ठान लो कि प्रेम जैसा इस दुनिया में कुछ भी होता ही नहीं है। जो तुमने किया वो या तो अति का भरोसा होगा, आकर्षण होगा, तुम्हारी गहरी भावनाएं उस से जुड़ गयीं होंगी या फिर दुनिया के ट्रेंड में तुम भी चल रहे हो।

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