हिंदी सुविचार | Hindi Quotes | Slogans | Thoughts

हिंदी सुविचारों की कड़ी में आज हम फिर कुछ खास और चुने हुए कोइट्स पेश कर रहे हैं, जैसा कि आपने हमारे पिछले आर्टिकल्स में कई अच्छे कोइट्स पेश किए जो आपको पसंद आये, तो आज भी हम हिंदी के अच्छे सुविचार पेश कर रहे हैं आइये शुरू करें.

01.वृद्धाश्रम की दीवार पर एक सुंदर वाक्य लिखा हुआ था,नीचे गिरे हुये सूखे पत्तों पर ज़रा आहिस्ते से पैर रखते हुए गुज़रें,क्योंकि कड़क धूप में आप भी कभी उनकी छाँव के नीचे खड़े हुए थे.


02.जिस दिन हम ये समझ जायेंगे कि सामने वाला गलत नहीं है सिर्फ उसकी सोच हमसे अलग है उस दिन जीवन से दुःख समाप्त हो जायेंगे.




03.हमेशा शांत रहें,जीवन में खुद को बहुत मजबूत पायेंगे क्योंकि लोहा ठंडा रहने पर ही मजबूत होता है, गर्म होने पर तो उसे किसी भी आकार में ढाल दिया जाता है.


04.शब्द मुफ्त में मिलते हैं,लेकिन उनके चयन पर निर्भर करता है कि उनकी कीमत मिलेगी या चुकानी पड़ेगी.


05.किस्मत आप के हाथ में नहीं होती है पर निर्णयआपके हाथ में होता है, किस्मत आपका निर्णयनहीं बदल सकती पर आपका निर्णय आपकी किस्मत जरूर बदल सकता है.


06.अच्छे पलों में कभी हमें कीमती चीज़ की कदर नहीं होती, बुरे पलों में हमें हर वो सख्स याद रहता है जो हमारे लिए प्रेरणा बना, जिसने हमें सहारा दिया या धोखा दिया.

07.यूं तो बहुत चेहरों पर नक़ाब हें साहब लेकिन इंसान का असली चरित्र तब सामने आता है, जब वो नशे में होता है नशा चाहे शराब, पद, कद, रंग-रूप या दौलत का हो.

08.इंसान का जमीर हमेशा सच्चाई से महकते रहना चाहिये, क्योंकि कागज़ के फूलों पर तितलियां नही बैठा करती.

09.समाधान में समस्याएं मिलती हैं और समस्याओं में समाधान, बस समझने का फेर है.

10.अपना दर्द सबको ना बताएँ, क्योंकि सबके घर में मरहम नहीं होता, मगर नमक हर एक के घर में होता है.

11. जिन्दगी में हम कितने सही और कितने गलत हैं,ये सिर्फ दो ही शख़्स जानते हैं, परमात्मा और अपनी अंतरआत्मा.

12.दूसरों की छांव में खड़े रहकर हम अपनी परछाई खो देते हैं, अपनी परछाई के लिये हमें धूप में खड़ा होना पड़ता है.

13.कूड़े के ढेर में फेंकी रोटियां रोज ये बया करती हैं कि पेट भरते ही इंसान अपनी हैसियत भूल जाता है.

14.क्यों हम भरोसा करें गैरो पर जबकि हमें चलना है अपने ही पैरों पर. पता नहीं क्यों लोग रिश्ता छोड़ देते हैं मगर ज़िद नहीं छोड़ते.

15.पत्थरों को शिकायत है कि पानी की मार से टूट रहे हैं हम पानी का गिला ये है कि पत्थर हमें खुलकर बहने नहीं देते.

16.जहर का भी अपना हिसाब है, मरने के लिए जरा सा और जीने के लिए बहुत सारा पीना पड़ता है..

17.अच्छा दिल और अच्छा स्वभाव दोनो आवश्यक है, अच्छे दिल से कई रिश्ते बनेगे और अच्छे स्वभाव से वो जीवन भर टिकेगे.

18.वह व्यक्ति आपका शत्रु नहीं हो सकता जो आपको आपकी गलतियों और कमजोरियों का बार-बार स्मरण कराये वल्कि वह आपका शत्रु है जो आपके गलत दिशा में बढ़ते हुए कदमों को देखकर भी मुस्कुराता रहे और आपको रोकने का प्रयास ना करे.

19.विरोध करने वाला शत्रु नहीं, गलत कार्यों का विरोध ना करने वाला परम शत्रु होता है.

20.मन की सोच को हमेशा सुंदर रखने से हमें सारा संसार सुंदर नज़र आने लगता है. अहंकार उस पत्थर जैसा है पानी में गिरने से खुद अपने वजन से डूब जाता है.

21.हौंसले उन्ही के पस्त होते हैं जिनके इरादे कमजोर होते हैं,  ज़िद्दी लोग तो बस ठानते हैं और सब उलट पुलट कर रख देते हैं.

22.कौआ किसी का धन नहीं चुराता फिर भी लोगो को वह प्रिय नहीं है और कोयल किसी को धन नहीं देती फिर भी लोगो को वह प्रिय है फर्क सिर्फ मीठी बोली का है जिससे सब अपने बन जाते हैं.

23.हम शुरूआत की उपेक्षा पहले सामने वाले से रखते हैं और हमेशा दु:खी होते हैं.


24.फर्क सिर्फ समझ का है,अंधेरे मे जब हम दिया लेकर चलते है तो हमे यह भ्रम रहता है कि हम दीये को लेकर चल रहे है,जबकि सच्चाई एकदम उल्टी है कि दिया हमे लेकर चल रहा होता है.

25.जब जिंदगी से हारने लगो तो ये समझ लेना कि पराजय तब नहीं होती जब आप गिर जाते हैं,पराजय तब होती है जब आप उठने से इनकार कर देते हैं.

26.प्रकृति ने सबसे जरूरी इंसान की रचना को समझा, जिसे पता था कि उसमें इतनी काबिलियत है कि वो असंभव को भी संभव कर देगा.

27.जानकर आश्चर्य होगा लेकिन सच है कि दुनिया के लाखों पेड़ गिलहरियों की देन हैं, वे खुराक के लिए बीज जमीन में छुपा देती हें और फिर जगह भूल जाती है, इसलिए अच्छे कर्म करिये और भूल जाईये, समय आने पर फलेंगे जरूर.

28.किसी ने क्या खूब कहा है कि सस्ते में लूट लेती है ये दुनिया अक्सर उन्हें जिन्हें खुद की कीमत का अंदाज़ा नहीं होता.इसलिए खुदको टूटने न दें,टूटे हुए शीशे को लोग कूड़े में डाल देते हैं.

29.समय बहाकर ले जाता है नाम और निशान, 
कोई हम में रह जाता है कोई अहम में रह जाता है.


30.पीठ हमेशा मजबूत रखनी चाहिए क्यूँकि शाबासी और धोखा दोनों पीछे से ही मिलते हैं.

31.ताला चाबी से भी खुलता है और हथौड़ा से भी। लेकिन चाबी से खुला ताला बार-बार काम आता है और हथौड़ा से खुला ताला केवल एक बार. इसलिए संबन्धों के ताले को क्रोध के हथौड़े से नहीं बल्कि प्रेम की चाबी से खोलें.

32.समुन्दर को अभिमान था कि मैं पूरी दुनिया डूबा सकता हूँ, इतने में एक तेल की एक बूँद तैर कर किनारे आ गई.

33.सफलता ही फेल होने का डर पैदा करती है, अगर फेल होने का भी आनंद उठाया जाए तो सफलता समझो कुछ भी नहीं.

34.उलझ तो गए ही हैं जलेबी की तरह अब इमारती भी बन जाये तो कोई गम नहीं, या तो कीमत सही मिलेगी या फिर चासनी मैं डूबने का आनंद आएगा.

35.याद रखें, अहंकार की ताकत फरिश्तो को भी शैतान बना देती है और नम्रता साधारण व्यक्ति को भी फ़रिश्ता बना देती है.

36.जीवन में बुराई अवश्य हो सकती है मगर जीवन बुरा कदापि नहीं हो सकता.

37.जीवन की दुर्लभता जिस दिन किसी की समझ में आ जाएगी उस दिन कोई भी व्यक्ति जीवन का दुरूपयोग नहीं कर सकता. जीवन में सब कुछ पाया जा सकता है मगर सब कुछ देने पर भी जीवन को नहीं पाया जा सकता है.

38.जीवन का तिरस्कार नहीं अपितु इससे प्यार करो. जीवन को बुरा कहने की अपेक्षा जीवन की बुराई मिटाने का प्रयास करो, यही समझदारी है.

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