बेहतरीन दिनों के लिए बुरे दिनों से लड़ना पड़ता है

बोले गए शब्द ही एक ऐसी चीज़ हैं जिनकी वजह से इंसान या तो दिल में उतरता है या दिल से उतरता है. हमें अपनी जिंदगी में किसी के लिए कुछ अच्छा करने का ख्याल आए जिसमें हमारा कुछ भी खर्च ना हो तो किसी को हौसला देना. क्योंकि यह ऐसी चीज है जिससे इंसान में उम्मीद जागती है तो इंसान आसमान छू जाता है और हौसला टूट गया तो इंसान जीते जी हार जाता है. हमें इतना याद रखना चाहिए कि हर इंसान अपने बुरे वक्त में किसी के द्वारा कही हर बात को याद रखता है. कभी-कभी ठोकरें भी अच्छी होती है क्योंकि उन्हीं से हमें सही रास्तों का पता चलता है और आपको सम्हालने वाले हाथ किसके हैं यह भी पता चलता है. इसलिए हमेशा याद रखना बेहतरीन दिनों के लिए बुरे दिनों से लड़ना पड़ता है.
दूसरों को सही गलत साबित करने में हमें जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए :
ट्रेन में एक पिता और पुत्र सफर कर रहे थे. 24 साल का उसका बेटा खिड़की से बाहर देख रहा था. अचानक वो चिल्लाया पापा देखो पेड़ पीछे की ओर जा रहे हैं. ये सुनकर पिता कुछ नहीं बोला और मुस्कुरा दिया, यह देखकर बगल में बैठे एक युवा शादीशुदा जोड़े को अजीब सा लगा और उस लड़के के बचकाने व्यवहार पर दया भी आई. तब तक वह लड़का फिर से बोल पड़ा पापा देखो बादल हमारे साथ चल रहे हैं. अब यह सुनकर युवा जोड़े से रहा नहीं गया और उसके पिता से बोल पड़े, आप अपने लड़के को किसी अच्छे डॉक्टर को क्यों नहीं दिखाते? लड़के का पिता मुस्कुराया और बोला,  हमने दिखाया था और अभी-अभी हम सीधे हॉस्पिटल से ही आ रहे हैं. मेरा लड़का जन्म से अंधा था और आज वह इस दुनिया को पहली बार देख रहा है शायद इसीलिए आपको यह अजीब लग रहा है.
इसी तरह से एक प्रोफ़ेसर क्लास में कहानी सुना रहे थे जो कि इस तरह थी:
समुंदर के बीच में एक बड़े जहाज पर बड़ी दुर्घटना हो गई, कप्तान ने शिप खाली करने का आदेश दिया. जहाज पर एक युवा जोड़ा भी था. जब लाइफबॉट पर चढ़ने का उनका नंबर आया तो पता चला कि बॉट पर केवल एक व्यक्ति के लिए ही जगह बची है. इस मौके पर आदमी ने औरत को धक्का दिया और खुद बॉट पर सवार हो गया. फिर भी डूबते हुए जहाज पर खड़ी औरत ने डूबते हुए जहाज से अपने पति से चिल्लाकर एक वाक्य कहा. अब कहानी को बीच में रोकते हुए प्रोफेसर ने स्टूडेंट्स से पूछा तुम लोगों को क्या लगता है उस औरत ने अपने पति से क्या कहा होगा? स्टूडेंट्स तुरंत बोले, उस औरत ने कहा होगा कि मैं तुमसे नफरत करती हूं!! लेकिन प्रोफेसर ने देखा कि क्लास में एक स्टूडेंट एकदम शांत बैठा हुआ था. प्रोफ़ेसर ने पूछा कि तुम बताओ तुम्हें क्या लगता है? वह लड़का थोड़ा रुका और बोला, मुझे लगता है औरत ने कहा होगा हमारे बच्चे का ख्याल रखना. ये जवाब सुनकर प्रोफेसर ने पूछा कि क्या तुमने यह कहानी पहले सुन रखी थी? लड़का बोला,जी नहीं लेकिन यही बात बीमारी से मरती हुई मेरी मां ने मेरे पिता से कही थी. प्रोफेसर ने दुःख प्रकट करते हुए कहा,  तुम्हारा उत्तर सही है और अब कहानी को आगे बढ़ाया..
आखिर में वह स्त्री मर गई और पति किनारे पहुंचा. उसने अपने बाकी का जीवन अपनी एकमात्र पुत्री को पालने में लगा दिया. कई सालों के बाद जब इंसान मर गया तब 1 दिन सफाई करते हुए उस लड़की को अपने पिता की एक डायरी मिली. डायरी पड़कर उसे पता चला कि जिस समय उसके माता-पिता उस जहाज पर सफर कर रहे थे तो इसकी मां एक जानलेवा बीमारी से ग्रस्त थी और उसके जीवन में कुछ दिन ही बचे थे. ऐसे कठिन मौके पर उसके पिता ने एक कड़ा निर्णय लिया और उसके पिता ने आगे लिखा था कि तुम्हारे बिना मेरे जीवन का कोई मतलब नहीं. मैं तो तुम्हारे साथ ही समुंदर में समा जाना चाहता था लेकिन अपनी संतान का ख्याल आते ही मुझे तुम्हें अकेले छोड़कर जाना पड़ा, मुझे माफ कर देना. 
दोस्तों, इस दुनिया में कई ऐसी परिस्थितियां होती हैं जो होती है पर दिखती नहीं. इसलिए सिर्फ ऊपरी सतह से देखकर बिना गहराई को जाने हर परिस्थिति का एकदम से सही आँकलन नहीं लगा देना चाहिए. 
उजालों में तो मिल ही जाएगा कोई ना कोई, तलाश उसकी रखो जो अंधेरों में भी साथ दे. वक्त बहुत बड़ा जादूगर है सारे चाहने वालों के चेहरे से पर्दा हटा देता है. मार्टिन लूथर ने कहा था कि अगर तुम उड नहीं सकते तो दोड़ो और दौड़ नहीं सकते तो चलो और चल भी नहीं सकते तो रेंगो, लेकिन हर हाल में आगे बढ़ते रहो. अगर रास्ते पर कंकड़ हैं तो एक अच्छा जूता पहनकर भी चला जा सकता है अगर एक अच्छे जूते के अंदर ही कंकड़ हैं तो एक अच्छी सड़क पर भी कुछ कदम चलना भी मुश्किल हो जाता है. यानि इंसान बाहर की चुनौतियों से नहीं,अपनी अंदर की कमजोरियों से हारते हैं. डाली पर बैठे हुए परिंदे को नहीं पता होता है कि डाली कमज़ोर है फिर भी वहीं पर बैठता है क्योंकि उसको डाली से ज्यादा अपने पंखों पर भरोसा होता है. हमारे विचार ही हमारा भविष्य तय करते हैं इसलिए आपने आपका कंपैरिजन किसी से न करें. गलती न होने पर भी जो पहले माफी मांगे, जरूरी नहीं गलती उसीकी हो, हो सकता है वह रिश्ते को बनाए रखना ज्यादा महत्वपूर्ण समझता हो. जो लोग आपकी मदद करते हैं जरूरी नहीं वह आपके एहसानों के बोझ तले दबे हों, वह आपकी मदद करते हैं क्योंकि उनके दिलों में आपके लिए दया, प्रेम और करुणा होती है. ज्यादातर लोग अन्य लोगों को सिर्फ ऊपरी तौर पर जज करना शुरू कर देते हैं यही वजह है कि इंसान की तलाश बेहतर को ढूंढने से शुरू होती है और भीड़ में भी अकेले पर खत्म होती है. थोड़ी सी समझ और थोड़ी सी मानवता ही आपको सही रास्ता दिखा सकती है वरना आप उनका जीवन देखें जो लड़ाई-झगड़े में बिता रहे हैं और जो शांत रहकर दूसरों को इग्नोर कर रहे हैं जब कंपेयर करके देखेंगे तो एक अपने जीवन में मुश्किलें बुन रहा होता है और दूसरा जीवन को आनंद से जी रहा होता है. इंसान घर बदलता है, लिबास बदलता है, रिश्ते बदलता है, दोस्त बदलता है फिर भी परेशान रहता है पता है क्यों? क्योंकि वह खुद को नहीं बदलता. हो सके तो मुस्कुराहट बाँटिये, रिश्तो में कुछ प्यार और शरारत बाँटिये. कोई नहीं पूछता गम एक दूसरे के, लोगों में थोड़ी सी इंसानियत बाँटिये. अगर आप सोचो तो हो सकता है आप हर किसी की सहायता नहीं कर सकते हैं लेकिन जो आपके सामने हैं आप उसकी सहायता जरूर कर सकते हैं. एक बार बहुत सारी मछलियां समुद्र के किनारे पर पानी से बाहर आ गईं और पानी के बिना तड़पने लगीं, एक इंसान मछलियों को उठा-उठा कर समुंद्र में फेंकने लगा तो पास खड़े एक आदमी ने कहा कि तुम्हारे ऐसा करने से कोई फायदा नहीं है क्योंकि इतनी सारी मछलियों को बचाना संभव नहीं है. उस इंसान ने उस आदमी को बड़ा सुंदर जवाब दिया. माना कि मैं इतनी सारी मछलियों की जिंदगी नहीं बचा सकता लेकिन उस मछली का जीवन तो मेरी वजह से बच जाएगा जिसे मैं पानी में फेंक रहा हूँ.
इसलिए दोस्तों, हमारी जिंदगी में भी तो ऐसा ही होता है न?  हम हर किसी की मदद नहीं कर सकते लेकिन हम जिसकी मदद करेंगे कम से कम उसकी जिंदगी में तो फर्क पड़ेगा ही. जो इंसान बुरे समय में आपकी मदद करने से नहीं घबराता वही इंसान आपका सच्चा रिश्तेदार, भाई या बहन होता है. वही दूसरों की मदद कर सकता है जिसे दूसरों के दर्द का एहसास हो. हर किसी से मदद ले लीजिए लेकिन कभी किसी बुरे व्यक्ति से मदद मत लीजिए क्योंकि मुसीबत थोड़े वक्त की होती है और एहसान जिंदगी भर का होता है. दर्द सबके एक हैं मगर होंसले सब के अलग-अलग, कोई हताश होकर बिखर गया तो कोई संघर्ष करके निखर गया. भरोसा रखो और कुछ ना कुछ करते रहो यह वक़्त है साहब बदलता जरूर है. ये याद रखें कि आप उनसे कई गुना बेहतर हैं जो खाली बैठकर किस्मत को कोस रहे होंगे. 
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