स्वयं की पहचान क्या है? | An inspirational story

हमें जीवन में विभिन्न प्रकार के लोग मिलते हैं, और कई बार तो हम उनकी तुरंत की परिस्थिति को देखकर उनका आँकलन करने लगते हैं अथवा स्वयं की स्तिथि बुरी देखकर कभी-कभी स्वयं को ही नाकामयाब समझने लगते हैं. एक छोटी सी चींटी भी बेवजह नहीं है, वो भी पारिस्थितिकी तंत्र में एक अहम भूमिका रखती है. खुदके वजन से कई गुना वजन उठाकर वो भी हमें ये सिखा देती है कि देखो मैं नहीं हारती कभी, पर तुम तो इंसान हो, फिर क्यों शिकायत करते हो?

लोहे की दुकान में अपने पिता के साथ काम कर रहे एक बालक ने अचानक ही अपने पिता से पूछा, “पिताजी इस दुनिया में मनुष्य की क्या कीमत होती है?” पिताजी एक छोटे से बच्चे से ऐसा गंभीर सवाल सुन कर हैरान रह गये. फिर वे बोले, “बेटे एक मनुष्य की कीमत आँकना बहुत मुश्किल है, वो तो अनमोल है.

बेटे ने फिर सवाल किया-क्या सभी उतना ही कीमती और महत्त्वपूर्ण हैं? पिताजी–हाँ बेटे. बेटा कुछ समझा नही उसने फिर सवाल किया. तो फिर इस दुनिया मे कोई गरीब तो कोई अमीर क्यों है? किसी की कम इज्ज़त तो किसी की ज्यादा क्यो होती है?

सवाल सुनकर पिताजी कुछ देर तक शांत रहे और फिर बालक से स्टोर रूम में पड़ा एक लोहे का रॉड लाने को कहा. रॉड लाते ही पिताजी ने पुछा–इसकी क्या कीमत होगी? बालक–200 रूपये. पिताजी–अगर मै इसके बहुत से छोटे-छोटे कील बना दूँ तो इसकी क्या कीमत हो जायेगी ?

बालक कुछ देर सोच कर बोला– तब तो ये और महंगा बिकेगा लगभग 1000 रूपये का. पिताजी–अगर मै इस लोहे से घड़ी के बहुत सारे स्प्रिंग बना दूँ तो? बालक कुछ देर गणना करता रहा और फिर एकदम से उत्साहित होकर बोला," तब तो इसकी कीमत बहुत ज्यादा हो जायेगी.”

फिर पिताजी उसे समझाते हुए बोले–“ठीक इसी तरह मनुष्य की कीमत इसमे नही है कि अभी वो क्या है, वल्कि इसमें है कि वो अपने आप को क्या बना सकता है. अब बेटा अपने पिता की बात समझ चुका था .

दोस्तों, अक्सर हम अपनी सही कीमत आँकने मे गलती कर देते है. हम अपनी तुरंत की परिस्थिति को देख कर अपने आप को नाकामयाब समझने लगते हैं. लेकिन हममें हमेशा अथाह शक्ति होती है. हमारा जीवन हमेशा सम्भावनाओ से भरा होता है. हमारी जीवन मे कई बार स्थितियाँ अच्छी नहीं होती हैं पर इससे हमारी कीमत कम नही होती है.

मनुष्य के रूप में हमारा जन्म इस दुनिया मे हुआ है इसका मतलब है हम बहुत महत्वपूर्ण हैं. हमें हमेशा स्वयं का सुधार करते रहना चाहिये और अपनी सही कीमत प्राप्त करने की दिशा में बढ़ते रहना चाहिये.

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