क्या आप जीवन में बार-बार धोखा खा जाते हैं?
भयंकर सर्दी की एक शाम अपनी ही मस्ती में मस्त वृक्ष पर बैठे हंस ने नीचे देखा एक चूहे का परिवार बुरी तरह ठंड से ठिठुर रहा है,बिलों में पानी भर गया था यह परिवार जैसे-तैसे बाहर आया और सब पत्ते की तरह कांप रहे हैं,ये देख हंस को दया आ गई,उसने नीचे जाकर उन पर अपने दुर्लभ और नरम पंख फैला दिए,जिसकी गर्मी पाकर चूहे का परिवार बच गया,लेकिन जैसे ही सुबह हुई और हंस ने अपनी आंखें खोलीं,अरे! यह क्या हुआ?उसके दोनों पंख कुतरे जा चुके थे, इस पर हंस रोने लगा,जैसे कि किसी महादानी इंसान की सारी पूंजी डूब गई हो,हंस चिल्लाने लगा,आसपास के जानवर एकत्रित हो गए और सारी बात सुनकर चूहे के परिवार कोसने लगे,तो इस पर चूहों ने कहा हमने कुछ भी गलत नहीं किया,अपनी आईडेन्टिटी के साथ जीना हमारा हक है,कुतरना हमारी आईडेन्टिटी है और हमारी आईडेन्टिटी की रक्षा होनी चाहिए हम हमारी आईडेन्टिटी के साथ ही जीना चाहते हैं, गलती हँस की है, हम तो वर्षों से यही कर रहे हैं,हँस को समझ में नहीं आया तो हम क्या करें? हँस हैरान था,उसकी हैरानी से उसके पँख वापिस नहीं आने वाले थे लेकिन एक महान अनुभव उसे जरूर हो चुका था.हँस के बाकी के साथी उसे अपने साथ ले गए, जैसे-तैसे उसने तीन माह बिताए और अब उसके नये पंखा चुके थे,तो कहने का मतलब यह है कि आइडेंटिटी का तो ऐसा ही खेल है,जो व्यक्ति आपके साथ छल करता है तो कहीं न कहीं आप उसे समझने में भूल कर रहे होते हैं या उसके प्रेम(मोह) में फँसे होते है.धोखेबाज का काम तो धोखा देना ही है,वो तो बस किसी मौके की तलाश में होता है,यदि सही समय पर आप उसकी मंशा की पहचान कर लेते हैं या उसे मौका देना छोड़ देते हैं तो आप धोखे से बच जाते हैं.
शिक्षा दूसरों के साथ आपका रवैया और व्यवहार है यह आपके पूरे व्यक्तित्व को परिभाषित करता है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने पढ़े-लिखे हैं,जिंदगी खेलती उसी के साथ है जो खिलाड़ी बेहतरीन होता है. अपने स्वयं के सपने साकार करें नहीं तो कोई और अपने सपनों को साकार करने के लिए आपको काम पर रख लेगा.ज्ञान अतीत की व्याख्या करने के लिए नहीं बल्कि भविष्य का निर्माण करने के लिए होता है.जिंदगी के पीछे देखोगे तो अनुभव मिलेगा जिंदगी के आगे देखोगे तो आशा मिलेगी दाए बाए देखोगे तो सत्य मिलेगा लेकिन अगर अंदर देखोगे तो आत्मविश्वास मिलेगा. जीवन में आधा दुःख गलत लोगों से उम्मीद रखने से आता है.शीशा कमजोर बहुत होता है मगर सच दिखाने से घबराता नहीं है.शब्द कितनी भी समझदारी से इस्तेमाल कीजिए फिर भी सुनने वाला अपनी योग्यता और मन के विचारों के अनुसार ही उसका मतलब समझता है.दुनिया में इंसान को हर चीज मिल जाती है सिर्फ अपनी गलती नहीं मिलती.कोहरे से एक अच्छी बात सीखने को मिली,जब जीवन में कोई रास्ता ना दिखाई दे तो बहुत दूर तक देखने की कोशिश व्यर्थ है धीरे-धीरे एक-एक कदम आगे चलते जाएं रास्ता अपने आप खुलता चला जाएगा.जब हमें हंसने के लिए हमेशा एक नया मजाक चाहिए तो फिर एक ही दुःख पर बार-बार रोना क्यों?बेहतर जीवन के लिए आलोचना में छिपे सत्य और झूठ को समझना आवश्यक है.छल जिस दरवाजे से अंदर प्रवेश करता है.कोई सराहना करें या निंदा लाभ हमारा ही है,क्योंकि प्रशंसा प्रेरणा देती है और निंदा सावधान होने का अवसर.
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