क्या रिश्ता भरोसेमंद है?
वो व्यक्ति जिसका दिमाग उसके खुदके नियंत्रण में है या जो व्यक्ति अपने सेंसेस को कंट्रोल कर सकता है वो आपका वफादार हो सकता है,अब ऐसे व्यक्ति को आप कहाँ ढूंढेंगे?एक व्यक्ति जो 13 की उम्र का था अपने माँ-बाप के नियंत्रण में था,लेकिन 13 की उम्र के बाद उसके शरीर में कुछ हार्मोनल बदलाव हुए और उसकी पसंद में जबरदस्त बदलाव होने लगे.जैसे ही व्यक्ति 13 की उम्र पर आता है उसके शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव तेज़ी से होने लगते हैं,पहले उसे खिलोने पसंद थे लेकिन अब उसे कुछ और पसंद है.वो लड़का जिसे बचपन में ये पता भी नहीं था कि वो ऐसा करेगा लेकिन 13 की उम्र पार करते ही पड़ोस या साथ में पड़ने वाली लड़की से इतना आकर्षण कैसे हो गया?अब वो उसकी आँखों का तारा कैसे बन गई.असल में कुछ भी नया नहीं हुआ ये शरीर के हॉर्मोन्स हैं जिन्होंने उसकी बुद्धि को जबरदस्त तरीके से प्रभावित कर दिया.इस स्थिति में क्या लड़के और लड़की के संबंध को हम प्रेम समझ सकते हैं?क्या दोनों एक-दूसरे के प्रति वफादार हैं.अब इसे ऐसे समझिए?क्लास में एक सुंदर लड़कीं को एक लड़का पसंद करने लगता है,अक्सर सुंदर लड़कीं को ही क्यों?वावजूद इसके कि उस लड़की के पास तो कई सारे विकल्प हैं,मान लीजिए वो अपनी पसंद के लड़के से दोस्ती करती है.दोस्ती आगे बढ़ती है और फ़ोन पर बातें शुरू होने लगती हैं,बात करते-करते कब 1 घंटा बीत गया किसी को पता नहीं,लेकिन दोनों को ऐसा लगता है कि बस सुबह-शाम बस बातें करते रहें.सिलसिला साधारण मुलाकात से लेकर शारीरिक जरूरतों पर ख़त्म होता है.क्योंकि दोनों में से एक अपने रिश्ते के लिए ईमानदार होता है जबकि दूसरे की सिर्फ शारीरिक जरूरत होती है,जिसकी जरूरत पूरी हुई वो फिर दूसरे की तलाश करता है.जैसे ही उसकी मुलाकात किसी नए इंसान से होती है तो अब उसकी आदतों में जबरदस्त बदलाव होने लगते हैं.अब वो पहले वाले से या पहले वाली से सिर्फ 2-4 मिनट फ़ोन पर बात करना पसंद करता है.और वो भी गुस्से में,जैसे कि:क्या बात करूँ मैं,मेरे पास और कोई काम नहीं हैं,तुमसे ही बातें करता रहूं क्या,मेरा फ़ोन वेटिंग में जा रहा है तो तुम्हे क्या परेशानी है.आखिर में वही होता है जो होना चाहिए.दोनों एक और नए रिश्ते की तलाश करते हैं जो उनकी जरूरतें पूरी कर सके.अब प्यार की तलाश रखने वाला किसी ऐसे इंसान की तलाश करता है जहाँ उसे बस प्यार मिले.और शारीरिक आकर्षण में रुचि रखने वाला एक खूबसूरत चेहरे की तलाश करता है.अच्छा ऐसा क्यों होता है कि 30 की उम्र पार करते ही व्यक्ति इस आकर्षण से थोड़ा दूर होने लगता है?क्योंकि वो जनता है कि अब उस से कोई 16 साल की लड़की आकर्षित नहीं होने वाली क्योंकि उम्र का एक बड़ा फैक्टर सामने आ जाता है.अब घर की जिम्मेदारियां और उम्र के अनुभवों ने उसे काफी कुछ सिखा दिया होता है,अब वो पहले जैसी गलतियां नहीं करता क्योंकि वो अब समझ जाता है कि अब की गई गलतियों की उसे काफी बड़ी कीमत चुकानी होगी.अच्छा आपमें से कितनों के साथ ऐसा हुआ है या होने वाला है.क्या आप इसमें कुछ परिवर्तन देखना चाहेंगे?आप बस यही चाहेंगे कि मुझे एक अच्छे इंसान की तलाश है जो मेरी फीलिंग्स समझ सके.ये ज़रूरी नहीं है कि आप दूसरों की फीलिंग्स समझते हैं तो हर कोई आपकी फीलिंग्स समझेगा ही.ये आप ही हैं जो अपनी हर चीज़ को बेहतर कर सकते हैं एक बेहतर समझ के साथ.
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