Best inspirational Thoughts | Positive thoughts of Kuldeep Singh Wisdom

जब जीवन में चीजें सहनशक्ति से बाहर हो जाएं तब धैर्य मत रखिये उठिए और अपने खिलाफ होने वाली हर बुराई का जवाब दीजिए.अधिकता हर चीज़ की बुरी होती है फिर चाहे वो सहनशक्ति हो,प्रेम हो अहंकार हो या किसी के प्रति मोह.कोई आपका इस्तेमाल नहीं कर सकता जब तक आप खुद सामने वाले के आगे कमजोर नहीं पड़ते.हिरन अपने शावक की मृत्यु के वियोग में क्यों न बैठी हो परंतु भेड़िये को इसपर जरा भी दया नहीं आएगी.आपका धैर्य तब तक आपकी शक्ति है जब तक ये आपके लिए है,जब ये आपके विरुद्ध है तब ये आपके लिए सिर्फ आपकी एक कमजोरी है.जब तक आप अपनी गाड़ी को बीच में नहीं फसाते तब तक ट्रैफिक से निकल नहीं पाएंगे.अगर आप सोचते हैं कि ट्रैफिक में कोई आपको जगह देने वाला है तो ये ट्रैफिक हो ही नहीं सकता.एक लॉटरी ही है जो इंसान की सबसे कम कीमत में लग जाती है वरना फ्री में इंसान को बस परेशानियां मिलती हैं,सुविधाओं के लिए तो कीमत चुकानी होती है.चमत्कार हर उस इंसान की जिंदगी में होते हैं जो रुकता नहीं है,रुका हुआ पानी भी खराब हो जाता है.यदि आप अपनी कमजोरी का प्रदर्शन करेंगे तो दुनिया आपका फायदा उठा लेगी यदि आप कमजोर होकर भी अपनी शक्ति को दिखाते रहेंगे तो यही दुनिया आपकी इज़्ज़त करती रहेगी.जब पौधा एक वृक्ष बन जाता है तो वह फल और छाया देता है और जब वह सूख जाता है तो सख्ती से खड़ा तो रहता है परंतु तेज़ आँधी आने पर उसकी टहनियां बड़ी आसानी से टूट जाती हैं,इंसान भी इसे दोहराता है जब उसके पास सबकुछ होता है तो उसे परिपूर्ण कहा जाता है और जब वह उम्र और पैसे से खाली हो जाता है तो वह कमजोर होकर खुदको अंदर से टूटा हुआ महसूस करता है.सभी जीवों में केवल इंसान के पास ये गुण है कि वो पैदा भले से कैसे भी परिवेश में हुआ हो लेकिन अपने कर्मों से सारे विश्व में अपना नाम कर सकता है.जो इंसान अपनी काबिलियत का सर्वश्रेठ उपयोग करता है या काबिल बनने की तरफ प्रयास करता रहता है, वही साधारण से असाधारण बनता है.

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