सही फैसला या गलत फैसला(कैसे खुदको मजबूत करें)

हममें से ज्यादातर लोग डिसीजन लेते समय यह सोचते हैं कि इसे लें कि नहीं? अगर फेल हो गए तो क्या होगा? और सोच-सोच कर 50% टाइम उसमें खराब कर के बाद में खुद बोलते हैं अगर ले लेता तो सही रहता.अरे ऐसा सोचने वाले से वह इंसान जो फेल हो गया कई गुना अच्छा है उसने 50 बातें ना सोच कर कम से कम डिसीजन तो ले लिया यह हिम्मत तो दिखाई कि डिसीजन सही है या गलत मुझे कोई फर्क नहीं.दोस्तों सही डिसीजन कुछ नहीं होता.आप गलत को सही करके दिखा दो तो सही डिसिशन और सही को गलत कर दिया तो सही भी गलत डिसिशन हो जाता है.अगर आप डिसिशन खुद से लेना सीख गए तो यकीन रखो आप उनसे कई गुना बेहतर हो जिन्होंने सोच सोच कर कोई डिसीजन नहीं लिया.
आपने किसी सिंगर का बहुत अच्छा गाना सुना आप को लगा कि यार गाना तो मैं भी बहुत अच्छा गाता हूं या फिर आपने किसी का ऐसा वीडियो देखा और आपको लगा कि ऐसा तो मैं भी बनना चाहता हूं.बस फिर क्या आपने एक कॉमेडी वाला वीडियो देख लिया फिर आपको लगा कि अब मैं कॉमेडी करूंगा और फिर उस से अच्छा वीडियो देख लिया तो लगा मैं भी ऐसा बनूँगा.क्या आप जानते हैं कि उसने अपना जैसा बनने के लिए क्या कुछ सहा है आपको उसकी सफलता देखकर अंदाजा लग रहा है पर उस मुकाम पर पहुंचने से पहले उसने क्या-क्या किया होगा कितनी मेहनत की होगी तब जाकर वह उस मुकाम पर पहुंचा होगा पर उस मुकाम पर पहुंचने से पहले वह भी किसी के जैसा बनना चाहता तो कभी अपने जैसा नहीं बन पाता.समझ रहे हैं ना?सच तो यह है कि उस सिंगर को भी यह पता नहीं था कि वह इतना अच्छा गा लेगा जब उसने गाना शुरू किया तो किसी ने उसका गाना सुना ही नहीं होगा.कई बार उसके दिमाग में यह भी ख्याल आया हो कि कोई मेरा गाना सुन ही नहीं रहा.शायद मेरा गाना खराब है, दूसरा ट्राई करूंगा.फिर से कोशिश की,बार-बार कोशिश की.और एक दिन वह बहुत अच्छा सिंगर बन ही गया.उसने गलतियां कीं और उनसे सीखा. कभी भी किसी के जैसा बनने की कोशिश मत करो आप दूसरों से सीखो,सीखना अच्छी आदत है लेकिन हमेशा अपने जैसे बनो क्योंकि यही वह इंसान है जो दुनिया में सबसे स्पेशल है सबसे यूनिक है आपसे यूनिक दुनिया में कोई नही.नदी कभी सवाल नहीं करती समुंदर से मिलने में कितनी देर लगेगी बस बहती रहती है.कोई भी डिसीजन लो अपने आप से पूछ कर लो कि अगर गलत भी हो गया तब भी मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा मैं फिर से नए तरीकों का इस्तेमाल करूँगा.कोई भी डिसीजन लेने से पहले अपने आप को मानिसक तौर पर मजबूत कर लें और फिर पीछे नहीं हटना है चाहे मुसीबत आए आने दें, कोई साथ छोड़ दे तो छोड़ दे,इच्छा नहीं रखनी है बस काम करना है.आप इतने कमजोर नहीं हो कि आप से नहीं होगा जो आपसे यह कह दे कि आप कमजोर हो तो समझ लो उससे नहीं होगा.फेल होने का भी जश्न मनाना है पास होकर तो सभी सेलिब्रेशन करते हैं. जिन्होंने किया उनके पास बहाने नहीं जिद थी कि बस करके ही रहना है पीछे नहीं हटना है.और याद रखें आपको किसी में दोष नहीं ढूंढना है बस सीखते रहना है क्योंकि कमियां ढूंढते-ढूंढते जिंदगी गुजर जाएगी पर पॉजिटिवली काम करके सिर्फ थोड़ा समय लगेगा लेकिन मुकाम हासिल हो जाएगा. इसलिए उनको मत कहो कि यह ऐसा है वह वैसा है सब अपनी जगह सही हैं.पानी में गिरने से किसी की जान नहीं जाती जान तभी जाती है जब उसे तैरना नहीं आता.परिस्थितियां कभी भी समस्या नहीं बनती समस्या तभी बनती है जब हमें परिस्थितियों से निपटना नहीं आता.मेहनत सीढ़ियों की तरह होती है और भाग्य लिफ्ट की तरह होता है किसी समय लिफ्ट तो बंद हो सकती है लेकिन सीढ़ियां हमेशा ऊंचाई की तरफ ले जाती हैं.समुद्र सभी के लिए एक जैसा है कुछ लोग उसमें से मोती ढूंढते हैं कुछ उसमें से मछली ढूंढते हैं और कुछ सिर्फ पैर गीला करते हैं.जिंदगी भी समुद्र की तरह ही है यह सिर्फ हम पर ही निर्भर करता है कि हम इस जीवन रूपी समुद्र में क्या पाना चाहते हैं?हमें ढूंढना क्या है?इस दुनिया में हर इंसान हीरा है लेकिन चमकता वही है जो तराशने की हद से गुजरता है.

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