हर दिन जिंदादिली से जियो
बहुत ही सही कहा है किसी ने:जब बचपन था तो जवानी एक सपना था,जब जवान हुए तो बचपन एक जमाना था.जब घर में रहते थे आजादी अच्छी लगती थी.आज आजादी है फिर भी घर जाने की जल्दी रहती है.स्कूल में जिनके साथ समय बिताते थे आज उनको ही इंटरनेट पर तलाशते हैं.खुशी किस चीज़ में होती है यह पता अब चला है.बचपन क्या था इसका एहसास अब हुआ है.जब हम अपने शर्ट में हाथ छुपाते थे और लोगों से कहते फिरते थे देखो मैंने अपने हाथ जादू से गायब कर दिए.जब हमारे पास चार रंगों से लिखने वाली एक पेन हुआ करती थी और हम सभी बटनों को एक साथ दबाने की कोशिश किया करते थे.जब हम दरवाजे के पीछे छुपते थे ताकि अगर कोई आए तो हम उसे डरा सके.जब आंख बंद कर सोने का नाटक करते थे ताकि कोई हमें गोद में उठाकर बिस्तर तक पहुंचा दे.फल के बीज को इस डर से नहीं खाते थे कि कहीं हमारे पेट में पौधा न उग आए. बर्थडे सिर्फ इसलिए मनाते थे ताकि ढेर सारे गिफ्ट मिल सके. फ्रिज को धीरे-धीरे से बंद करके यह जानने की कोशिश करते थे कि उसकी लाइट बंद कब होती है.बचपन में हम यह सोचते थे कि हम बड़े क्यों नहीं हो रहे और अब सोचते हैं हम बड़े क्यों हो गए.कभी कभी लगता है ना,यह सारी चीजें हो ही क्यों रही हैं?जब हम भागते हैं किसी चीज के लिए तब हम उसे पा भी लेते लेकिन बाद में सोचते हैं यार तब सही था जब पाए नहीं थे. बड़ी अजीब है ना यह जिंदगी?जब हम सीखना नहीं चाहते तब हमें सिखाया जाता है और जब हम सीखना चाहते हैं तब सिखाने वाला ही नहीं मिलता है. कईयों को लगता है अमीर लोग खुशहाल जिंदगी जी लेते हैं लेकिन जब अमीर लोग बीमार होकर गरीबों से दुआएं मांगते हैं तब लगता है कि गरीब ही सबसे अमीर होते हैं.पैसे कमाने की दौड़ में हम अपने आज को ही जीना भूल जाते हैं. और जब पैसा होता है तो अपने पास्ट को सोच-सोचकर दुःखी होते हैं.कहते हैं खरीदार तो बहुत है दुनिया में लेकिन 1 मिनट भी किसी की जिंदगी उधार नहीं मिलती और जिनके पास जिंदगी है उन्हें लगता है कि मेरे पास तो कुछ है ही नहीं.किसी के पास बहुत काम है और किसी के लिए समय नहीं,किसी के पास समय है तो करने को काम नहीं.यही जिंदगी है जो सबको मिली है जिनके हाथ नहीं वह भी इतिहास लिख कर चले गए जिनके हाथ थे वह सबसे ज्यादा शिकायत करके चले गए.इसलिए ज़िन्दगी का हर पल ज़िंदादिली से जियो,ताकि जब भी उन्हें याद करो तो चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाए.
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