जीत का जज़्बा रखो हार से मत डरो

क्या हमें जिंदगी को सिर्फ हार और जीत के तौर पर देखना चाहिए?क्या हमें लाइफ में बस रेस लगानी है? बिल्कुल नहीं.ना जिंदगी में आपको रेस लगानी है ना ही रुकना है.बस चलते रहना है और मुंह लटका कर नहीं, मुस्कुरा कर.मुंह लटका कर नहीं बैठना है.उससे होगा क्या?कुछ नहीं होगा,जो होगा सब करने से होगा.आज जो भी बुरा हो रहा है वह आपके ही फायदे का है.रात का अंधेरा ना हो तो रोशनी की क्या कीमत.आपको ना अंधेरे से डर ना है और ना रोशनी की फिक्र करनी है.हर दिन छोटी-छोटी चीजों से खुशियां ढूंढने का प्रयास करें.क्योंकि कमियां ढूंढने वालों के लिए तो ये जिंदगी भी छोटी पड़ जाएगी.आप चीजों को गलत करो,खराब करो पर करना मत छोड़ो.
कहते हैं दुनिया का हर शख्स किस्मत के बारे में जानता जरूर है लेकिन किस्मत में क्या लिखा होता है वह कोई नहीं जानता.अपने आप से कहो कि अगर मेरी किस्मत में कोई चीज नहीं लिखी है तो क्यों मैं उसे नहीं बदल सकता.इस भय से कि अगर ऐसा किया तो यह हो जाएगा,वैसा किया तो यह हो जाएगा.फिर सोचते ही रहना पड़ेगा भर कि जो आप कर सकते थे जिससे सब कुछ बदल सकता था वह क्यों नहीं किया?इसलिए अपने प्रयासों के विफल होने से प्रयास करना बंद न करें.दुनिया में एडवाइज मुफ्त में मिलती है पर गारंटी वह भी नहीं दे सकता तो क्यों ना खुद पर भरोसा रखकर काम को करें.
एक सुनार की मृत्यु के बाद उसका परिवार संकट में पड़ गया खाने के भी लाले पड़ गए 1 दिन उसकी पत्नी ने अपने बेटे को नीलम का एक हार देकर कहा बेटा इसे अपने चाचा की दुकान पर ले जाओ और बोलना इसे बेचकर कुछ रुपए दे दें.बेटा वह हार लेकर चाचा के पास गया.चाचा ने हार को अच्छी तरह से देख कर कहा मां से कहना कि अभी बाजार बहुत मंदा है थोड़ा रुक कर बेंचना अच्छे दाम भी मिलेंगे और उसे थोड़े से रुपए देकर कहा कि तुम कल से दुकान पर आकर बैठना. अगले दिन से वह लड़का रोज दुकान पर जाने लगा और वहां हीरो-रत्नों की परख का काम सीखने लगा.समय गुज़रते-गुज़रते एक दिन वह बड़ा पारखी बन गया.लोग दूर-दूर से अपने हीरे की परख कराने के लिए उसके पास आने लगे.एक दिन उसके चाचा ने कहा बेटा अपनी मां से वह हार लेकर आना और कहना कि अब बाजार बहुत तेज है उसके अच्छे दाम मिल जाएंगे.जब वह घर गया और उसने हार को संदूक से निकालकर देखा तो पाया कि वह तो नकली है.नकली हार होने की वजह से वह उसे घर पर ही छोड़कर दुकान पर लौट आया.चाचा ने पूछा बेटा हार नहीं लाए? उसने कहा चाचा वह तो नकली था.तब चाचा ने कहा जब तुम पहली बार उस हार को लेकर मेरे पास आए थे तब अगर मैं उसे नकली बता देता तो तुम सोचते कि आज हम पर बुरा वक्त आया तो चाचा भी हमारी चीज को नकली बताने लगे.अब जब तुम खुद पारखी बन गए तो पता चल गया ना कि वह हार असली है कि नकली है. दोस्तों,सच यही है कि सही नॉलेज के बिना इस दुनिया में हम जो भी सोचते हैं देखते हैं और जानते हैं वह सब कुछ गलत है.और जिन्होंने आप का संघर्ष देखा है सिर्फ वही आपकी कामयाबी की कीमत जानते हैं औरों के लिए आपकी किस्मत बहुत अच्छी है.

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