दुनिया में सफल लोगों का प्रतिशत कम क्यों है?

कभी सोच कर देखा है कि दुनिया में सक्सेसफुल लोगों का परसेंटेज कम क्यों है?आइए जानते हैं दुनिया भर में सक्सेसफुल लोग इतने कम क्यों होते हैं?मान लीजिए आपकी सफलता के पीछे एक बहुत बड़ी खाई है.क्या है?बहुत बड़ी खाई !! लेकिन आपके पास क्या है?पैसा नहीं है आगे बढ़ने के लिए,किसी का सपोर्ट भी नहीं है. आप अकेले हो साथ कोई भी नहीं है.लेकिन वहां एक बहुत बड़ी चीज है,वह क्या है?वह है आपकी हिम्मत.जो आपके पास इतनी है कि आप ऐसी सौ नहीं, दो सौ खाई भी पार करके सफलता पा लोगे.अब ये खाई क्या है?गड्ढा है?समंदर है? या कुआं है?दरअसल यही आपकी सफलता के बीच की मुश्किलें हैं.आप कोशिश करोगे कि मैं यहां से कैसे भी निकलूं.कोई तो ऐसा रास्ता होगा यहां से निकलने के लिए,क्या करूं?
100% लोग सफल होना चाहते हैं,और जब प्रयास या काम को ज़मीनी स्तर पर करने की बारी आती है तो 90% लोगों के अंदर यह आएगा कि छोड़ो यार यह सब बकवास है,बस मौज करो और वो छोड़ देंगे.बचे 10% जो सोचेंगे कि ट्राई करने में क्या जाता है,इस खाई को पार करके देखें तो.अब होगा क्या?कुछ सिचुएशन खराब होने लगेगी,प्रयास करते-करते कुछको तो यह लगने लगेगा कि अरे यार सब तो मुझसे आगे निकल गए अब क्या करें?कोई और काम कर लें,रास्ता बदल दें.कितना संयम रखें,सफलता मिलनी होती तो अब तक मिल जाती.सब बेकार है,कोई मतलब नहीं निकलता मेहनत करके.स्मार्ट बनना चाहिए स्मार्ट!! चीटी कितनी स्मार्ट होती है?पर अपने वजन से कई गुना वजन वो उठा लेती है और लेकर चलती रहती है.अब 7% लोग बीच में ही छोड़कर चले गए,अब 7% जाकर उन 90% को जब अपना मुंह दिखाएंगे तो वो 90% उन 7% से कहेंगे तुमने छोड़ दिया,हमने तो पहले ही समझाया था यह सब बकवास है फालतू में तुम खुद को हवा में उड़ा रहे थे.अब बचे 3% जिनको अभी भी ये लगता है कि करना है तो करना है,कुछ बातें उन्हें मोटिवेट कर गईं.लेकिन अब उनके सामने और बड़ी-बड़ी समस्याएं आ गईं,पैसा नहीं रहा,फैमिली प्रोब्लेम्स आदि.उन्हें लगने लगा कि पिछले 97% जो प्रयास छोड़ गए थे वह सब तो जिंदगी में सेट हो चुके हैं,अब तो वह उनका मजाक बना रहे हैं.अब उनमें से 2% हिम्मत हार गए कि अब कुछ होना नहीं है सबकी बातें मानने में ही भलाई है.97% गलत कैसे हो सकते हैं और इसके साथ उनमें से 2% भी उस काम को छोड़ दे.अब बचे सिर्फ 1% जिनको अभी यह लगता है चाहे कुछ भी हो जाए मैं नहीं रुकूँगा.तब नहीं रुका तो अब क्यों रुकूं.अब तो सब को दिखा कर ही रहूंगा.और वे निरंतर प्रयास में लगे लगे रहे,अब 1% को मैं एक इंसान से जोड़ूँ तो वो गिरा और उठा लेकिन उसने छोड़ा नहीं.परिणामस्वरूप,अब जो उसे मिलता है तो लोग हैरान होते हैं,अरे ऐसा कैसे हो गया?यह तो असंभव था वो लोग जो उसका साथ छोड़ चुके होते हैं;बोलेंगे कि हमें तो पता था उसके अंदर कुछ कर गुजरने की चाह थी,देखो उसे मिला.देखो इतनी मुश्किल से कहां से कहां पहुंच गया.यही होती है इंसान की दृढ़ इच्छाशक्ति,अगर हम करते तो क्यों नहीं हो पाता,उसने कैसे कर लिया?लोग यही बोलेंगे.फाइनली,उस 1% में से उस इंसान ने पूरा कर लिया ना?यही वजह होती है कि दुनिया में सक्सेसफुल लोगों का परसेंटेज इतना कम क्यों होता है.तो आपको किस कैटेगरी में आना है?अब आपको क्या करना है? छोड़ना नहीं है!चाहे पढ़ाई हो,हॉबी हो या कुछ कर गुजरने की चाह हो.बस करना है तो करना है,नहीं का तो कोई सवाल ही नहीं उठता,बस खुद पर भरोसा रखो.अगर आपके साथ आपके अपने हैं तो अच्छी बात है,अगर आपके साथ आपके दोस्त भी हैं तो बहुत अच्छी बात है और अगर आप अपने साथ हो कोई भी आपके साथ नहीं है तो यह सबसे अच्छी बात है.अकेला इंसान ही इतिहास रचता है.हमेशा याद रखो कि आप अपनी मुश्किलों से कई गुना बड़े हो,किसी ने कहा भी है "कोई तेरे साथ नहीं तो गम ना कर,दुनिया में तेरी हिम्मत से बड़ा कोई हमसफ़र नहीं".

कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.