आपके बिना इस दुनिया का कोई मतलब नहीं


ज्यादा बोलते हो,मुझसे ज्यादा तेज हो क्या?तुम नकारा हो,यार बड़ा पकाता है तू.उसकी कोई औकात ही नहीं है,तुम हमेशा अपनी ही करते हो!अगर कोई आपके लिए इन शब्दों का प्रयोग करता है तो गुस्सा बिल्कुल मत होना,बल्कि धन्यवाद कहो उनका जो आपको कुछ अनोखा करने के लिए मजबूर करते हैं.जब आप कुछ कर जाओगे तो यह शब्द फिर ऐसे होंगे:यार एक Suggestion लेना था तुमसे,यार तू बोलता बहुत अच्छा है, मुझे तो पता था तू जीनियस है,आदमी तो बस एक ही है.तब यह सब आपके लिए लोग बोलना शुरू कर देते हैं.लेकिन एक बात हर वक्त में कॉमन रहेगी कि वह हमेशा अपनी करता था. तो हमेशा खुदके लिए sure रहो.हमेशा अपने दिल की सुनो. क्योंकि कमी निकालने वाले तो ताजमहल में भी कमी निकालते रहेंगे. गुजरी हुई जिंदगी को कभी याद ना कर,तकदीर मे जो लिखा है उसकी फरियाद ना कर, जो होगा वह होकर रहेगा,तू कल की फिक्र में अपने आज की हंसी बर्बाद ना कर.
कितनी अजीब बात है हंस मरते हुए भी गाता है और मोर नाचते हुए भी रोता है.आगाह अपनी मौत से कोई बशर नहीं,सामान सौ बरस का पल की खबर नहीं. जिंदगी सिर्फ खाने-पीने का नाम नहीं है,इसका राज है कि कभी भी अपने होशो-हवास नहीं गंवाने चाहिए. अगर जिंदगी में कुछ पाना हो तो तरीके बदलो इरादे नहीं.पैसा चाहे कितना भी गिर जाए इतना कभी नहीं गिर पाएगा जितना पैसे के लिए इंसान.जिसके पास उम्मीद है वो बार बार गिरकर भी उठेगा.दोस्तों बादाम खाने से उतनी अकल नहीं आती जितनी धोखा खाने से आती है.एक बहुत अच्छी बात जो जिंदगी भर याद रखनी चाहिए,आपका खुश रहना ही आपका बुरा चाहने वालों के लिए सबसे बड़ी सज़ा है.खूबसूरत लोग हमेशा अच्छे नहीं होते,अच्छे लोग हमेशा खूबसूरत होते हैं. रिश्ते और रास्ते एक सिक्के के दो पहलू हैं,कभी रिश्ते निभाते-निभाते रास्ते खो जाते हैं और कभी रास्तों पर चलते-चलते रिश्ते बन जाते हैं. बेहतरीन इंसान अपनी मीठी जुबान से ही जाना जाता है वरना अच्छी बातें तो दीवारों पर भी लिखी होती हैं.दुनिया बदलने की सोच मत रखो,बस याद रखो कि खुदको बदलना शुरू करते ही दुनिया बदलने लगती है.अगर आप सोचते हो कि आप जैसे तो दुनिया में बहुत लोग हैं जो ये सब कर रहे हैं पर यकीन रखो कि आप दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण इंसान हैं.क्योंकि अगर आप इस दुनिया में नहीं हो तो इस दुनिया का क्या मतलब?आपके बगैर इस दुनिया का कोई मतलब नही.वह लोग हमेशा महान होते हैं जिन्होंने कोशिश की और जीत गए क्योंकि उन्होंने खुद को किस्मत के भरोसे नहीं मेहनत के भरोसे छोड़ा था. जब मैंने ईश्वर से पूछा कि मुझे शक्ति चाहिए तो उन्होंने मुझे परेशानियों को दिया ताकि मैं मजबूत बन सकूं.जब मैंने भगवान से दिमाग मांगा तो उन्होंने मुझे और बड़ी प्रॉब्लम्स को दे दिया सॉल्व करने के लिए.जब मैंने भगवान से प्रोस्पेरिटी यानि समृद्धता मांगी तो उन्होंने मुझे विवेक दे दिया और काम करने की क्षमता दे दी. जो मैंने ईश्वर से हिम्मत मांगी तो उन्होंने मुझे वो चीजें दीं जिन्हें में मात दे सकता हूं.जब मैंने भगवान से प्यार मांगा तो उसने मुझे वो गरीब इंसान दिखाएं जिन्हें मैं प्यार कर सकता हूं.जब मैंने ईश्वर से अपने favour के लिए कुछ मांगा तो मुझे उन्होंने opportunity दीं.फिर मैंने देखा कि मुझे वह कुछ भी नहीं मिला जो मैंने ईश्वर से मांगा,लेकिन मुझे वह सब कुछ मिला जिसकी मुझे जरूरत थी.
कितनी अजीब बात है कि इंसान जब मरता है तो कोई नहीं पूछता कि उसकी डिग्री में मार्क्स कितने थे?लेकिन उस वक्त वो इंसान खड़े हुए होते हैं जिनको उसने कभी प्यार किया होता है.अंत में यही था जो उसने कमाया था बाकी तो सब यहीं रह गया.किसी भी इंसान की मृत्यु तभी हो जाती है जब लोग उसे भुला देते हैं. अगर आप कहो कि मृत्यु सबसे बढ़ा लॉस हैं तो मेरे दोस्तों यह सच नहीं है,मौत सबसे बड़ा लॉस नहीं है.सबसे बड़ा लॉस है जब ज़िंदगी मर जाती है और आप जिंदा रहते हो.
आपने Brooklyn Bridge के बारे में तो सुना होगा जो न्यूयॉर्क शहर में स्थित है.सन 1883 में अमेरिका के एक इंजीनियर John A. Roebling के दिमाग में न्यूयॉर्क से लॉन्ग आइसलैंड तक एक ब्रिज बनाने idea आया.उन्होंने अपने साथके इंजीनियरर्स को यह बात बताई.तो John A. Roebling को वह सब लोग बेवकूफ बोलने लगे.कहा गया कि यह असंभव है.मगर उनकी बातों से John A. Roebling बिल्कुल हतोत्साहित नहीं हुए वल्कि उन्होंने यह बात अपने बेटे Washington Roebling को बताई.फिर दोनों ने मिलकर प्रपोजल पास करा लिया और ब्रिज के निर्माण का कार्य शुरू हो गया.शुरुआत में ही कई मुश्किलें आयीं और एक दिन कार्यस्थल पर एक दुःखद घटना घटित हुई जिसमें John A. Roebling की मृत्यु हो गई और Washington Roebling विकलांग हो गए.सब ने कहा कि अब हमें काम बंद कर देना चाहिए और काम बंद हो गया.लेकिन हॉस्पिटल में भर्ती Washington Roebling की अपने खोए हुए पिता के सपने को पूरा करने की इच्छाशक्ति बाकी रही.उन्होंने अपनी पत्नी को बताया कि अब इंजिनीयर्स को क्या करना चाहिए.Washington Roebling के दृढ़ निश्चय ने दोबारा काम को शुरू करवा दिया.और अंत में जब भव्य ब्रिज लोगों ने देखा तो लोग सोचते ही रह गए कि यह इंसान ने कैसे बना डाला.
अरे आपके अंदर इतनी इच्छा शक्ति होनी चाहिए कि आप पूरी प्रकृति से ये कह सको कि अगर नदी सूख जाएगी तो मुझमें इतनी हिम्मत है कि मैं अपने आंसुओं से भी उसे भर सकता हूँ.न भर सकोगे वो बात अलग है लेकिन अपने अंदर इतनी हिम्मत तो रखो.जब किसी अमीर बच्चे का सपना पूरा होता है तो उसे सराहना मिलती है और जब एक गरीब बच्चे का सपना पूरा होता है तो पूरी कायनात खुशी के आंसुओं में डूबकर कहती है कि तुम्हें मैंने रोका,लेकिन तुम रुके नहीं.तुमने साबित कर दिया और और मुझे भी अपना फैसला बदलना पड़ा.दुनिया की हज़ारों परेशानियाँ आपकी सिर्फ एक मुस्कुराहट की वजह से गायब हो सकती हैं बस एक बार मुस्कुराने की कोई वजह तो ढूंढो.जब दुःखी होने की हजारों वजह हैं तो मुस्कुराने की एक वजह तो होगी.ईश्वर उनपर खुश रहते हैं जो दूसरों के लिए दया,हमदर्दी रखते हैं.क्योंकि बिना स्वार्थ की हमदर्दी हर किसी के पास नहीं मिलती है यह आप अच्छी तरह से जानते हैं.अगर आप बिलीव करते हैं उस भगवान या अल्लाह पर, तो वह निश्चित ही आपके पास है.मगर आप उसे देख नहीं सकते.तब तक नहीं देख सकते जब तक कि आपके अंदर स्वार्थ,लालच,धोखा और पाप हैं.वह इंसान जो काम बिगड़ने पर ईश्वर को मानने से इनकार करते हैं,विश्वास करो ईश्वर उनके भी साथ है.और एक दिन जब उनका कोई काम बनता है तो वह कहते हैं कि यह मैंने स्वयं किया है.मगर फिर भी ईश्वर मुस्कुराता है क्योंकि वह सबको प्रेम करता है. उसके लिए सभी बराबर है उसके लिए हम इंसानों जैसा कोई भेदभाव नहीं.अगर आपको कोई नालायक बोले तो आपको बहुत ही खुश होना चाहिए,नालायक इंसान बहुत ही बेहतर होता है क्योंकि एक नालायक इंसान को कोई नौकरी नहीं दे सकता मगर एक नालायक इंसान सबको नौकरी दे सकता है. हम शायद कभी यह नहीं सोचते कि हम जिंदगी की तेज दौड़ में जाना कहां जाना चाहते हैं?क्यों स्वार्थी बन कर दूसरों को गिराने में लगे रहते हैं?आखिर हमारा है ही क्या इस दुनिया में;सिवाय 2 गज कपड़े के.कैसे कोई किसी को कष्ट देकर खुद के लिए पल भर के सुख की कल्पना कर लेता है? हजारों किताबों को पढ़कर भी इंसान एक इंसानियत की किताब पढ़ना क्यों भूल जाता है? कोई पैसे को भगवान बता बैठता है तो कोई खुद को ही भगवान बना बैठता है. आखिर यह लूट,दगाबाजी कहां ले जाना चाहता है इंसान? सब यहीं से लिया और यही रह जाएगा.और अंत समय में जब वह प्रकृति से सवाल करेगा तो प्रकृति उस इंसान पर हँसकर कहेगी,मंजिल तो तेरी तय थी मगर वह ऊपर वाला बस आजमाना चाहता था कि अगर तुम्हें सब कुछ मिल जाता है तो तुम उसका क्या इस्तेमाल करोगे?मंजिल तो तुम्हारी तय थी.

जो आजका समय है,वही सबसे महत्वपूर्ण है,आप जीवन में कितनी भी तरक्की कर जाएं लेकिन याद आपको पुराना दौर ही आएगा.दुनिया में बहुत सी चीजों को वापस लाया जा सकता है,लेकिन आज को नहीं,इसलिए भविष्य की कल्पना में अपने आजको नज़रअंदाज़ न करें,आज को जियें.गुस्सा कितनी खतरनाक चीज़ है,इसका सीधा सीधा असर आपके ऊपर होता है न कि दूसरे के ऊपर.ये जब जब आती है तब तब आपका नुकसान ही करके जाती है,हें न?
दर्पण जब चेहरे का दाग दिखाता है तब हम दर्पण को नहीं तोड़ते,वल्कि दाग साफ़ करते हैं,ठीक उसी प्रकार हमारी कमी बताने वाले पर क्रोध करने के वजाय अपनी कमी को दूर करना चाहिए न कि कमी बताने वाले से रिश्ता तोड़ देना चाहिए,अक्सर लोग यही तो करते हैं.
छाता बारिश को नहीं रोकता,लेकिन बारिश में खड़े रहने का होंसलों अवश्य देता है,ठीक उसी प्रकार आत्मविश्वास सफलता की गारंटी तो नहीं देता लेकिन सफलता के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा अवश्य देता है.
दुनिया में भरोसे से ताक़तवर और कमजोर क्या है,अगर भरोसा हो तो हर चीज़ मुमकिन है और न हो तो हर चीज़ नामुमकिन है,भरोसा जितना कीमती होता है धोखा उतना ही मेंहगा होता है,लोग भरोसे से नहीं धोखे से डरते हैं.भरोसे से कई गुना बड़ी होती है उम्मीद,अगर उम्मीद है तो हर नामुमकिन चीज़ में संभावनाएं हैं.
फूल कितना भी सुंदर हो,तारीफ उसकी खुश्बू से होती है,इंसान कितना भी बड़ा हो,तारीफ उसके गुणों से होती है.लोग कहते हैं मैं ये हूँ,मेरा ओहदा बहुत बड़ा है,असल में वो उनकी भूल है,बड़ा तो समय है,एक दिन वो सबकुछ छीन लेता है और उसकी जगह कोई और तैनात हो जाता है.जिंदगी एक रात है,जिसमे न जाने कितने ख्वाब हें,जो मिल गया वो अपना है,जो टूट गया वो सपना है.ये मत सोचो कि जिंदगी में कितने पल हें,ये सोचो कि हर पल में कितनी जिंदगी है,इसलिए जिंदगी के हर पल को जी भरकर जियें.हम अगर अच्छे इंसान भी बन जाएं तो भी सफल हो सकते हैं,डिग्रियां तो बहुत लोगों के पास हें लेकिन हर कोई सफल नहीं है,सफल वो है जिसने दौलत से ज्यादा इंसान कमाए,इंसानियत कमाई,अगर सच्चे दिल से नैक इंसान बनकर देखेंगे तो बहुत मुश्किलें आएंगी,पर एक दिन आप हमेशा सभी के दिलों में बस जाएंगे.एक सेंटेंस है,वो मुझे बहुत पसंद है,क्या कोई किसी को इसलिए पसंद करेगा जो किसी का अपमान करे,बुरा व्यवहार करे,नहीं न.ऐसे इंसान जब किसी के साथ बुरा करते हैं तो साथ मैं बहुत बद्दुआएं लेकर जाते हैं,हो सकता है दुआये बद्दुआये दिखती न हों लेकिन लगती जरूर हें.एक इंसान को अपनी जिंदगी के लिए एक रोबोट या इंसान चुनने के लिए कहा गया,उसने शुरुआत में रोबोट को ही चुना.
वो इंसान जो भी काम बोलता सारा काम आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस वाला रोबोट कर देता,एक दिन उस इंसान के जोर से पेट में दर्द हुआ,लेकिन रोबोट तकलीफ नहीं समझ सकता था,वो इंसान जोर जोर से चिल्ला रहा था,लेकिन रोबोट उसके अंशुओ मैं उसकी भावनाओं को नहीं वल्कि पानी,एलेक्ट्रोलयट्स और प्रोटीन के कंटेंट को ही समझ पा रहा था,आज उस इंसान को अपने चुनाव पर अफसोस हुआ कि काश उसने अपने लिए अपने जैसा ही इंसान चुना होता,जो आज मेरी तकलीफ समझ पाता.इसलिए जीवन केवल मशीन बनकर रह जाये,ऐसा कुछ वक्त के लिए अच्छा लगता है,लेकिन बुरे वक्त में हम अपने साथ के लिए इंसान की ही तलाश करते हैं,क्योंकि हम रोबोट नहीं इंसान हैं.एक जानवर भी अपने जैसे से बहुत प्यार करता है,लेकिन एक इंसान ही है जो अपने जैसे से नफरत करने लगता है,लेकिन ज़रूरत उसे अपने जैसे इंसान की ही होती है.ज़िन्दगी तो नाम है जीने का,तू ये समझकर तो देख.अपनों से गिले शिकवे बहुत हें एक बार उनके दुख में दुखी होकर तो देख.मत सोच कि तू अकेला है,कभी बारिश को खुदके लिए रोता हुआ तो देख.मंज़िल तो मिल ही जाती है,एक बार तू नेकी की राहों पर चलकर तो देख.हमें क्रोध तब आता है,जब चीजें हमारी तरह से नहीं चलतीं,हर चीज़ अपने वजूद के साथ चलती है.हीरा टोटल इंटरनल रिफ्लेक्शन की वजह से चमकता है,ये गुण कांच मैं नहीं है,तो इसमें कांच का क्या दोष.लेकिन समझें तो कांच का महत्व हीरे से ज्यादा है,अगर देखें तो ज्यादातर चीजें आपको कांच से निर्मित मिलेंगी,जिन्हें आप रोज़मर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल करते हैं,आप हीरे से बनी चीजों को सजाकर तो रख सकते हें पर उसे इस्तेमाल नहीं कर सकते,इतना मेंहगा है न.पर जिसे आप हमेशा इस्तेमाल करते हैं वो ज्यादा महत्वपूर्ण है न कि वो जिसे आप सजाकर रख दें.समझदारी किसी चीज़ के बारे में जरूरत से ज्यादा सोचने में नहीं वल्कि एक समय के बाद उसपर काम करने और तजुर्बे से सीख लेने में है.

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