सुखी जीवन के लिए अनमोल बातें | Important things for your happiness



ऊँची आवाज में तो वो चिल्लाते हैं जिन्हें झूठ बोलना होता है,सच तो धीमें स्वर में कहा हुआ भी सारे ब्रह्माण्ड में गूंजता है.हालात जैसे भी हों डटे रहो क्योंकि सही समय आने पर खट्टी कैरी भी मीठे आम में बदल जाती है

हमारे जीवन में ऐसे बहुत से पड़ाव आते हैं,जब हम अपने जीवन को सही ढंग से नहीं जी पाते,जीवन में कुछ हमारी ही गलतियां होती है,जिस कारण हम जीवन को सुखमय नहीं वना पाते ऐसी ही कुछ बातों को बताना चाहता हूं जो हो सकता है सफल जीवन के लिए आपके काम आए।

    भूतकाल की बातों को छोड़ दो

      भूतकाल की कोई भी बातों को अपने वर्तमान पर हावी नहीं होने देना चाहिए, उससे हमारा वर्तमान खराब होता है, हमारा जीवन उसी चिंता में कटता है। हम भूतकाल से सीख जरूर ले सकते हैं पर उन बातों को लेकर हम अपने जीवन को ख़राब नहीं कर सकते क्योंकि जो गुजर गया है,उसे हम बदल नहीं सकते,तो उसके लिए चिंतित होने से कोई फायदा नहीं.

    ऐसा धन जो मिल ना सके

    जीवन में हर व्यक्ति को धन की आवश्यकता होती है क्योंकि धन के बगैर जीवन नहीं जिया जा सकता धन से हमारी जरूरतें पूरी होती है.पर ऐसा धन जो हमें मिल ही नहीं सकता जिसके कारण हमारा मन चिंतित होता है,जिसकी चिंता में हमारे शरीर को नुकसान होता है या जिससे हमारी नींद और चैन खो जाता है;ऐसे धन के पीछे भाग कर अपने जीवन को खराब नहीं करना है.अर्थात,ऐसा धन जो गुम गया है,चोरी हो गया है या जो नहीं मिल सकता.पर प्रयास तो करना है लेकिन चिंता मैं नहीं जाना है.जिससे जीवन और शरीर खराब ना हो। जीवन को सुखमय बनाने के लिए चिंता नहीं करना क्योंकि जो आपका है वह कहीं नहीं जा सकता और ना कोई उसको छीन सकता वह आपके पास कहीं ना कहीं से फिर आ जाएगा।

    निडरता होनी चाहिए

    हमें डरपोक नहीं होना चाहिए इसका मतलब यह नहीं है हम किसी से भी लड़ने लगे पर कोई भी हमारे साथ गलत करें तो उसका विरोध तो करना है।
    उदाहरण- सांप अगर विषैला नहीं है तो भी उसे फुफकारना नहीं छोड़ना चाहिए। क्योंकि अगर उसने स्वयं को विषहीन सिद्ध कर दिया तो उसके प्राण संकट में पड़ जाएंगे। पर अगर कोई कमजोर समझ कर आप पर हावी होने की कोशिश करें तो उसे यह अहसास दिला देना चाहिए कि आप स्वयं को लेकर सजग हैं और थोडा क्रोध या विरोध का प्रदर्शन भी कर देना चाहिए। जिससे आपको कोई कमजोर समझने की कोशिश ना करें।

      

    दूसरों पर निर्भर ना रहें

    दूसरों पर निर्भर रहने से जीवन और कठिन हो जाता है क्योंकि आपको दूसरे की
    दया पर निर्भर रहना होगा.वह व्यक्ति आप पर दया करेगा जब तक आपका जीवन ठीक है लेकिन जिस दिन उसने दया करना बंद कर दी आपका जीवन कठिन हो जाएगा इसलिए स्वयं पर निर्भर रहें दूसरों पर नहीं।

    कपटी धोखेबाज व्यक्ति से दूर रहें

    ऐसे व्यक्ति जो आपकी पीठ पीछे आपकी बुराई करते हो, जो व्यक्ति आपके साथ तो रहते हैं पर आप के साथ कभी भी विश्वासघात कर सकते ऐसे व्यक्तियों से दूर रहना चाहिए ऐसे व्यक्ति अगर आपके निकट रहेंगे तो उनके जीवन में जब भी बुरा समय आएगा तब वह आपके साथ भी बुरा कर सकते हैं जीवन सुखमय जीने के लिए ऐसे व्यक्ति से दूर रहना ही उचित होगा।

    कर्म पर विश्वास

    जीवन में कैसा भी समय हो कैसी भी परिस्थितियां हो पर हमें कर्म करने नहीं छोड़ना चाहिए.हमें कर्म पर विश्वास होना चाहिए क्योंकि जो कर्म हम करेंगे उसका फल हमको इसी संसार में मिलेगा उसमें थोड़ा समय जरूर लग सकता है, पर कर्म करने वाला व्यक्ति को फल जरूर मिलता है इसलिए हमें कर्म पर विश्वास रखना चाहिए।

    धोखेबाज मित्रों से दूर रहें

    ऐसे मित्र जो समय पर आपका साथ छोड़ सकते हो जो अपने लाभ के लिए आप को नुकसान पहुंचा सकते हैं ऐसे मित्रों से दूर रहना ही अच्छा है,क्योंकि मित्र विभीषण के जैसा होता है जो आपके बारे में सब कुछ जानता है कभी भी आपके साथ छल कर सकता है ऐसे मित्र जो आपके साथ गलत कर सकते हैं उनके साथ कभी नहीं रहना चाहिए।

    अपनी योग्यता पर विश्वास

    आप को अपनी की योग्यता पर विश्वास रखना चाहिए क्योंकि जो हमारी योग्यता है वही हम को सफल बनाएगी वही हमारे जीवन को सुखमय बनाएगी इसलिए हमें स्वयं पर विश्वास रखना है और अपनी योग्यता पर।

    धैर्य रखना

    किसी भी कार्य में हमको जल्दबाजी नहीं करना सोच समझकर विचार करके उस कार्य को करना है धैर्य रखना क्योंकि धैर्य सभी परेशानियों का हल है,और जीवन सफल बनाने के लिए धैर्य होना बहुत जरूरी है।

    कार्य का अवलोकन करना

    कोई भी कार्य करने की पूर्वक हम को यह जान लेना जरूरी है,कि उससे हमें क्या फायदे होंगे और क्या नुकसान होंगे। वह कार्य हम कैसे करेंगे किस ढंग से हमें करना चाहिए इन सब बातों का अवलोकन कर लेना चाहिए तो जीवन में परेशानियां कम हो जाएंगी।

    शारीरिक परिश्रम

    जीवन को सुखमय बनाने के लिए शारीरिक परिश्रम करना बहुत जरूरी है जिससे हम बीमारियों से बच सकें समय से पहले बुढ़ापा ना आए क्योंकि शरीर अगर स्वस्थ है,तो जीवन सुखमय और आनंदित हो जाएगा।
    हमने आपको कुछ बातें बताई है जिनको अपनाने से हो सकता है आपका जीवन सुखमय हो जाए.पर यह हमारे विवेक पर निर्भर करता है कि हम अपने जीवन को कैसे जी रहे हैं और कैसे जीना चाहते हैं जरूरी नहीं है कि यह बातें हर व्यक्ति पर लागू हो। लेकिन जीवन में कहीं न कहीं उपयोगी सिद्ध अवश्य होती हैं.

    बाधाएं हमारे अंदर ही हैं

    जिसे आपसे सच्ची मोहब्बत होगी वो आपको फिजूल और गलत कामों से आपको रोकेगा,जो तुम्हे खुशी में याद आये समझो तुम उससे मोहब्बत करते हो और जो गम में तुम्हे याद आये समझो वो तुमसे मोहब्बत करता है.एक जोड़े की नई-नई शादी हुई थी दोनों बहुत खुश थे.उन्हें पता चला कि शहर में एक जाने-माने ज्योतिषी आए हैं. दोनों अगले दिन उनके पास पहुंच गये.और जोतिषी से बोले,"हमारे पास किसी चीज की कमी नहीं हमारी सोच भी काफी मिलती जुलती है हमारे बीच कोई कभी कोई परेशानी ना इसका उपाय बताइए".ज्योतिषी बोले,"आप बस एक ऐसा जोड़ा ढूंढ लीजिए जो हमेशा खुश रहता हो,और उसके घर से उसका एक कपड़ा ला कर अपने घर में रख लीजिए आपके घर में कोई कभी कोई अशांति नहीं होगी". ये सुनते ही दोनों लोग हमेशा खुश रहने वाले जोड़े की तलाश में लग गए. उन्हें पता चला कि राज्यपाल का परिवार बहुत खुश रहता है तो उनके घर पहुँचकर देखा कि राज्यपाल के पास तो अपनी पत्नी के लिए समय ही नहीं है जो आपस में बात भी ना करें कैसे खुश रह सकते हैं,यह सोचकर वे वहां से लौट गए.एक रिश्तेदार ने उन्हें दूसरे शहर में एक सुखी सुखी दंपत्ति के बारे में बताया वहां पहुंचकर उन्होंने पाया कि वे खुश तो हैं पर यह उनकी पहली शादी नहीं थी.और इस तरह दोनों लोग घर लौट आए,कई शहरों की दौड़ और कई लोगों से मुलाकात के बाद भी उन्हें ऐसा कोई दंपत्ति नहीं मिला जो हमेशा खुश रहता हो.

    फिर उन्हें राजस्थान के एक सुखी परिवार का पता चला.वे अब उस परिवार से मिलने पहुंचे और देखा कि वे बहुत गरीब हैं उनके पास पर्याप्त खाना नहीं,पहनने को कपड़े नहीं,घर की टपकती छत ठीक करवाने को पैसे नहीं उनके साथ 2 दिन बिताने पर उन्होंने पाया कि सचमुच वह बहुत खुश हैं.ये सब देखकर उनसे पूछा कि आप इतनी गरीबी मैं भी इतने खुश कैसे रह लेते हैं?जवाब मिला,"हम एक दूसरे के लिए हैं और एक दूसरे के साथ हम वह सब कुछ आसान कर सकते हैं जो हम चाहते हैं".
    दोस्तों,जिस खुशी की हम बाहर तलाश करते हैं वह कहीं और नहीं अपने ही अंदर होती है.

    बाधाएं हमारे बाहर नहीं हैं,बाधाएं हमारे भीतर हैं और बाधाएं इसलिए हैं कि हमारे अंदर होश और जाग्रता की कमी है.बाधाओं को मिटाने का एक ही मार्ग है कि हम भीतर से जाग जाएं,ऐसे में सभी बाधाएं खो जाती हैं।
    अंधेरे घर में चोर आकर्षित होते हैं, घर में दीया जलता हो या प्रकाश हो तो चोर उस घर से बच कर निकलते हैं.बाधाओं से निपटने का एक ही उपाय है कि हम अपने अंदर उम्मीद का दिया हमेशा जलाकर रखें इस दीए के जलने से सारे भय समाप्त हो जाते हैं,और बाहर आपकी हिम्मत का पहरेदार खड़ा हो तो कोई बाधा नहीं आती,अन्यथा सब बाधाएं आती हैं.

    जीवन में जब कुछ समझ न आए तो क्या करें?

    जब कुछ समझ न आये तो आँखे बंद करें और प्रकृति के मधुर संगीत को सुनें,वो चिड़ियों की चहचहाअट,हवा की आवाज़,पानी का शोर और बादलों की गड़गड़ाहट।
    असल में कितना सुकून दे देती है,जब आप प्रकृति के मधुर संगीत को अपने भीतर महसूस करेंगे तो आपके अंदर फिर से एक नया जोश आएगा आप महसूस करेंगे कि सच में दुनिया में कुछ मुश्किल जैसा है ही नहीं,सिर्फ विचार टकरा रहे थे.अगर सच की कोई कीमत नहीं तो क्यों लोग डॉक्टर को ही अपनी बीमारी की सच्चाई बता बैठते हैं,क्यों?क्योंकि झूठ बोलकर उनकी बीमारी का इलाज कैसे हो पायेगा.अभी हाल ही में मैंने एक अपने दोस्त को फोन लगाया,शाम का वक़्त था,मैंने पूछा और क्या कर रहा था?उसने कहा यार जिस कंपनी में मैं काम करता हूँ उसके मालिक की मृत्यु हो गयी,सुबह सही सलामत था दिन तक ऑफिस में देखा मैंने उसे और जैसे ही वो घर पहुँचा फिर उसे मृत देखा सबने।अभी उसका अंतिम संस्कार हुआ है वहीं था मैं।यार क्या आदमी था,1000 से ज्यादा गाड़ियों की कतार और हज़ारों की भीड़ मौजूद थी,मैं देख के दंग रह गया क्या कमाया बंदे ने.
    सचमें क्या कमाया बंदे ने!


    लेकिन कुछ ऐसा नहीं कमा सका जिससे वो अपनी जिंदगी खरीद सके.सोचो आपके पास कितनी कीमती चीज़ है।लोग इस बात से सुकून में नहीं कि करोड़ों अरबों रुपयों से भी मेंहगी ज़िन्दगी उनके पास अभी मौजूद है पर क्या करें ज़िन्दगी है तो 1000 तरह की मुसीबतें मौजूद हैं,बीबी को हार दिलवाना है,बच्चों की पढ़ाई की फीस देनी है,घर का खर्चा कैसे मैनेज होगा,बच्चों की शादी कैसे होगी वगेरह वगेरह।एक आदमी ज़िन्दगी से कभी फ्री होता ही कहाँ है हैं न?
    जिन्दगी में कितने भी आगे निकल जाए,फिर भी सैंकड़ो लोगों से पीछे ही रहेंगे,जिन्दगी में कितने भी पीछे रह जाए,फिर भी सैंकड़ो लोगों से आगे ही होंगे,अपनी जगह का आनंद उठाये,आगे पीछे तो दुनिया में चलता ही रहेगा.उड़ने दो मिट्टी को आखिर कहां तक उड़ेगी,हवा ने साथ छोडा तो आखिर ज़मीन पर ही गिरेगी.माना कि औरों के मुकाबले कुछ ज्यादा नहीं पाया मैंने,लेकिन खुश हूं कि खुद गिरता सम्हालता रहा,पर किसी को गिराया नहीं मैंने.अपनापन,परवाह,सम्मान और थोड़ा समय,यही वो दौलत है जो अक्सर हमारे अपने हमसे चाहते हैं.

    एक ही जगह एक ही समय पर दो अलग-अलग पक्षियों का स्वभाव अलग होता है:मोर नाचते हुए भी रोता है,और हंस मरते हुए भी गाता है.जिंदगी कठिन है तो आप इसे कठिन समझकर दुखी हो लें या फिर हँसकर इसे सरल बनाने की कोशिश करें.वो कहते हैं न! डॉक्टर के पास हमारे शरीर की बीमारियों का इलाज है लेकिन हमारे बुरे विचारों को खत्म करने का इलाज नहीं है.दुनिया में ज्यादातर दुःख इंसान को अपनों से ही मिलते हैं,गैर तो कभी-कभी और कैसे हो कहकर हाल तो पूछते हैं.सचमें खुश रहना अपने आप में अद्भुत कला है खासकर तब जब इंसान अपने सबसे बुरे दौर से गुज़र रहा हो.इस बात को हम बदल नहीं सकते कि ज़िन्दगी में चीजें और  परिस्थितियां हमेशा एक सी नहीं रहती,लेकिन आप सभी चीजों के बीच समांजयस्य बैठा सकते हैं.अच्छा ये सोचिए कि आपको अपने अच्छे समय में कितने लोग याद रहते हैं?शायद आप गौर भी नहीं करते कि अच्छे वक़्त में कौन आपके साथ है,क्योंकि उस वक़्त जो सबसे ज्यादा जरूरी चीज है वो ये कि आप उन पलों को जीने में व्यस्त होते हैं.लेकिन जब आप अपने बुरे दौर में होते हैं तब आप एक-एक व्यक्ति की हर प्रतिक्रिया पर नज़र रखते हैं और बहुत सी उम्मीदें भी.सच में किसी भी व्यक्ति का जीवन गहरी यादों से बना है,जिसमें अच्छे और बुरे पल सभी इसे खूबसूरत बनाते हैं.

    हर किसी का खुश रहने का अलग मंत्र है,कोई चीजों से खुश रहता है कोई अपने शौक पूरे करके या कोई किसी इंसान के साथ अपने समय को बिताकर.तो खुश रहने का कोई हार्ड एंड फ़ास्ट नियम नहीं है जिस से आप बंधकर रहें,आपको जो पसंद है उसे दिल से करें.क्योंकि चीजें समय के साथ-साथ बदल जाती हैं तो जो इस समय है उसका आनंद लो.विफलता दुःख का कारण नहीं है वल्कि विफल होकर प्रयास छोड़ देना दुःख का कारण बन जाता है.चुप रहना आपको अंदर से शांति दे सकता है लेकिन यदि आप सही हो और सामने वाला गलत तो आप कब तक चुप रहेंगे?जब आप अपनी फीलिंग्स को एक्सप्रेस कर देते हैं तो मन से बोझ उतर जाता है वहीं आप किसी बात को लेकर चिंताग्रस्त रहते हैं तो ये आपको बेचैनी जैसा अनुभव कराता है.अगर आपको लगता है कि आपको अपनी बात बोलने से सामने वाले कि गलतफहमी दूर हो सकती है तो आपको बोलना भी चाहिए.अक्सर आपका मौन रहना सामने वाले के दिमाग में आपके प्रति शक पैदा कर देता है और जब तक आप अपनी बात क्लियर नहीं करते तब तक उसे ये लगता है कि हाँ आप वाकई में गलत हो शायद इसीलिए आप मौन हो.तो जहाँ जरूरी है वहां आपको बोलना चाहिए.जो चीजें आज आपके पास हैं वे भी बहुतों के पास नहीं हैं इसलिए दूसरी चीजों  के लिए निराश होने से अच्छा है कि जो हैं उनका आनंद लें और बाकी के लिए प्रयास करते रहें.जीवन की शुरुआत भले रोने से हुई हो लेकिन जिंदगी हँसने के मौके भी जरूर लाती है.

    ये बातें हमेशा याद रखें

    👉जरूरत से ज्यादा सीधा होना नरक के उस द्वार पर खड़े होकर इंतज़ार करने जैसा है जिसमें आपको धक्का पीछे खड़ा व्यक्ति देता है.इसलिए इतने सीधे भी न बनें कि कोई इस्तेमाल कर जाए और इतने कड़वे भी न बनें कि कोई पास ही न आये.
    👉कर्म करते रहो,जो भी होगा अच्छा ही होगा,थोड़ा late होगा पर latest होगा.
    👉कर्मों से डरिये परमेश्वर से नहीं.परमेश्वर माफ कर देता हैं पर कर्म नहीं.
    👉अटल सत्य है कि जैसे बच्चा सौ लोगों की भीड़ में भी अपनी मां को पहचान लेता है.उसी प्रकार कर्म अपने कर्ता को ढूंढ ही लेता है आज नहीं तो कल फल तो मिलता ही है.
    👉जब इंसान ही नहीं रहेगा तो उसकी गलतियों का क्या करोगे?किस से रूठोगे और किसे मनाओगे.किसे माफ करेंगे और किसे सज़ा देंगे.क्या कागज़ के लाखों टुकड़े उसे वापस ले आएंगे?इसलिए जो पास है उसकी कद्र करना सीख लें,वरना वक़्त आपकी बेकद्री पर बिल्कुल भी चकित नहीं होगा.
    👉आपका जीवन साथी कौन है?
    आपका असली जीवन साथी आपका शरीर है.
    एक बार जब आपका शरीर जवाब देना बंद कर देता है तो कोई भी आपके साथ नहीं है।आप और आपका शरीर जन्म से लेकर मृत्यु तक एक साथ रहते हैं.जितना अधिक आप इसकी परवाह करते हैं,उतना ही ये आपका साथ निभाएगा।आपका शरीर एकमात्र स्थायी पता है जहां आप रहते हैं।आपका शरीर आपकी संपत्ति है,जो कोई और साझा नही  कर सकता.आपका शरीर आपकी ज़िम्मेदारी है।इसलिये,आप  हो इसके असली जीवनसाथी।इसलिए अपना अपना ख्याल रखिए,पैसा आता है और चला जाता है,रिश्तेदार और दोस्त भी स्थायी नही हैं।आते हैं चले जाते है,कोई भी आपके  अलावा आपके शरीर की मदद नहीं कर सकता है।
    👉कोई भी बड़ी बात को छोटा बनाना या छोटी बात को बड़ा बनाना अपने हाथ में हैं।किसी-किसी का स्वभाव होता है छोटी बात को बड़ी बनाना और कोई बड़ी बात को भी छोटा बना देते हैं।
    👉हौसला होना चाहिए बस,जिंदगी तो कहीं से भी शुरू हो सकती है।
    👉इंसान का मन कभी भी उसके लिये समस्या नहीं बनता है,बल्कि उसकी नकारात्मक सोच उसकी सबसे गंभीर समस्या है.
    👉मजबूर और मजबूत में ज्यादा फर्क नही है.स्वार्थी मनुष्य से दोस्ती  करोगे तो वो आपको मजबूर बना देगा.और सच्चे मनुष्य से दोस्ती करोगे तो वो आपको मजबूत बनाएगा.
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