सोच बदल देने वाले प्रेरणादायक विचार

कुदरत कहती है,"अहंकार से इतना अकड़ कर मत चल ऐ इंसान,तेरे जैसे कितने मैंने इस मिट्टी से बनाए और इसी में मिला दिए".त्याग के बिना मनुष्य का भाग्य नहीं बन सकता,कुछ छोड़े बिना कुछ पाया नहीं जा सकता,जो देता नहीं वह लेने का भी अधिकारी नहीं है,आपको दुनिया में हर जगह ज्यादा खर्च करने पर ज्यादा सुविधाएं मिलती हैं,पैसे न होने पर आप बस लोगों की शक्ल तो देख सकते हें लेकिन लोग आपको तभी देखेंगे जब आप लोगों से अलग दिखेंगे,अर्थात मनुष्य बिना बीज बोए फल खाने की आस में जीवन बरबाद करता है.इतिहास गवाह है पराये किसी को इतना दुःख नहीं पहुचाते जितना अपने पहुचाते हैं,शाहजहां ने भले से दुनिया का बेशकीमती ताजमहल बनवा दिया था लेकिन उन्हीं की औलाद ने उन्हें ही जेल में कैद कर दिया था.
नोबेल पुरस्कार विजेता ब्राजीली कवियत्री  मार्था मेरिडोस की इसी कविता के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ:
नित जीवन के संघर्षों से जब टूट चुका हो अन्तर्मन,
तब सुख के मिले समन्दर का रह जाता कोई अर्थ नहीं.
जब फसल सूख कर जल के बिन तिनका-तिनका बन गिर जाये,फिर होने वाली वर्षा का रह जाता कोई अर्थ नहीं.सम्बन्ध कोई भी हों लेकिन यदि दुःख में साथ न दें अपना,फिर सुख में उन सम्बन्धों का रह जाता कोई अर्थ नहीं.छोटी-छोटी खुशियों के क्षण निकले जाते हैं रोज़ जहां,फिर सुख की नित्य प्रतीक्षा का रह जाता कोई अर्थ नहीं.मन कटुवाणी से आहत हो भीतर तक छलनी हो जाये, फिर बाद कहे प्रिय वचनों का रह जाता कोई अर्थ नहीं.सुख-साधन चाहे जितने हों पर काया रोगों का घर हो,फिर उन अगनित सुविधाओं का रह जाता कोई अर्थ नहीं.एक समय था जब "मंत्र" काम करते थे,उसके बाद एक समय आया जिसमें " तंत्र " काम करते थे,फिर समय आया जिसमे " यंत्र " काम करते थे,और कितनी अजीब बात है कि आज के समय में सिर्फ "षड्यंत्र" काम करते हैं.लेकिन जीत तब भी सत्य की होती थी और आगे भी होती रहेगी.जब तक "सत्य " घर से बाहर निकलता है.तब तक झूठ पूरी दुनिया घूम लेता है.हवा से कह दो कि खुद को आज़मा के दिखाए बहुत दीपक बुझाती है,एक जला के दिखाए.लोहा नरम होकर औजार बन जाता है,सोना नरम होकर जेवर बन जाता है,मिट्टी नरम होकर बर्तन बन जाती है,आटा नरम होता है तो रोटी बन जाती है,ठीक इसी तरह अगर इंसान भी नरम हो जाये तो लोगो की दिलों मे अपनी जगह बना लेता है इसलिए सदा ही विनम्र रहें,आपको भी शांति मिलेगी और लोग भी आपसे जुड़ने लगेंगे.भगवान बुद्ध ने कहा,यदि किसी मनुष्य के पास ज्ञान अधिक भी हो,किंतु यदि उसका आचरण उसके अनुसार नहीं है तो फिर यह सारा ज्ञान भी उस मनुष्य का विनाश होने से नहीं बचा सकता.कोई हमारी गलतियां निकालता है तो हमें खुश होना चाहिए क्योंकि कोई तो है जो हमें पूर्ण दोष रहित बनाने के लिए अपना दिमाग और समय दे रहा है.मनुष्य को धोखा मनुष्य नही देता है बल्कि वो उम्मीदें धोखा दे जाती है,जो वो दूसरों से रखता है.अभिमान तब आता है,जब हमें लगता है कि हमने कुछ किया है, और सम्मान तब मिलता है जब दुनिया को लगता है कि आपने कुछ किया है.केवल पैसों से आदमी धनवान नहीं होता,असली धनवान वो है जिसके पास अच्छी सोच अच्छे दोस्त और अच्छे विचार हैं.किसी का दिल दुखाना समुद्र में फेंके गए पत्थर के समान है,वो पत्थर अंदर कितना गहरा जाएगा,इसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल होता है.

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