जीवन में सही निर्णय कैसे लें? - Strengthen decision making ability
सही निर्णय कैसे लिया जाता है? क्या आपका लिया हुआ निर्णय सही ही है इसकी पहचान कौन कर सकता है? कई ऐसे प्रश्न और उनके हल आपको तर्क सहित यहाँ मिलने वाले हैं। आपको जीवन में सफल होना है या नहीं मैं नहीं जानता पर यदि आप नहीं जानते कि मैं असफल क्यों हूँ तो इसका उत्तर भी आपको यहाँ मिलने वाला है.
01. निर्णय लेने वाले लोगों के प्रकार
01. A. क्लियर कांसेप्ट वाले लोग:
ये लोग एकदम सीधा सोचते हैं, आर या पार, इनके पास कोई एक्सक्यूज़ नहीं होता, ये रिस्क लेने से डरते नहीं हैं क्योंकि ये अपने हर कार्य को पूरी प्रतिबद्धता के साथ करते हैं। हाई क्लास व्यक्ति जैसे
बिल गेट्स, रतन टाटा, अम्बानी आदि
आपने देखा होगा कि दुनिया में कम पड़े-लिखे लोग भी सफल हैं, क्योंकि उनका कांसेप्ट क्लियर था कि उन्हें रिस्क लेकर ये काम करना है और आगे जो होगा वो देखा जाएगा। मालूम उनको भी नहीं होता कि वे सफल होंगे या नहीं पर उनके कांसेप्ट सीधे हैं, दिमाग में एक काम और उसी पर अपना पूरा समार्ध्य लगा देना।
01. B. मिक्स्ड कांसेप्ट वाले लोग:
01. C. नो कांसेप्ट वाले लोग:
ये लोग खुदसे कुछ भी नहीं करते, यानि कोई भी अपने हिसाब से इनसे काम निकाल सकता है, इनका कोई फिक्स गॉल नहीं होता, यानी ये हर सांचे में आ जाने वाले लोग होते हैं।
जैसे मजदूर या निम्न वर्ग का व्यक्ति।
वो हर आदमी जिसे पता ही नहीं कि जिंदगी में करना क्या है वो इसी श्रेणी में आता है.
2. चेतन्य (Consciousness):
98% लोगों को हर काम का कन्फर्मेशन या गारंटी चाहिए, 2% लोग हैं जो रिस्क लेकर किसी कार्य को करते हैं, पता उन्हें भी नहीं होता कि वे सफल होंगे भी या नहीं लेकिन वे रिस्क लेने से घबराते नहीं हैं।
3. संदेह (Doubt):
अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि दुनिया में कितने % लोग सफल होते हैं। ये वही हैं 2% वाले जो रिस्क ले लेते हैं। बाकी 98% लोग खुदको तस्सल्ली दे लेते हैं कि यार अपनी तो किस्मत खराब है। उसे देखो कितना आगे चला गया। तो सीधी बात है जब ज़िन्दगी में कुछ भी कन्फर्म्ड नहीं है तो जाहिर है उन 2% के लिए भी कोई गारंटी तो है नहीं। वजह ये भी है कि वे आपसे ज्यादा समझदार नहीं हैं। यही वजह है कि आज भी दुनिया में कम पढ़े लिखे, या कम योग्य इंसान भी बहुत बड़ी-बड़ी उपलब्धियां पा चुके हैं।
तो जब कभी भी ये लगे कि मैं असफल क्यों हूँ तो ये बातें याद कर लेना। और जीवन में कभी भी निराश मत होना, क्योंकि निराश व्यक्ति कभी कोई प्रयास नहीं करता, जिंदगी है तो मुश्किलें भी होंगी और मुश्किलें हैं तो उन्हें हल करने का रास्ता भी होगा। बिना प्रश्न के कोई उत्तर बन ही नहीं सकता। और एक प्रश्न के कई तरह से उत्तर दिए जा सकते हैं। एकदम सही या कम सही, पूरा गलत या मिक्स्ड उत्तर और विकल्प वाला उत्तर। अब कौन कैसे हल करता है उसी आधार पर मूल्यांकन निर्भर करता है। इसलिये जीवन में जो भी स्टेप लो, एकदम क्लियर लो, अंक उन्हीं के पूरे मिलते हैं जिनके कांसेप्ट क्लियर होते हैं।
4. निर्णय लेने का विवेक:
याद करें कि जिस चीज़ की आज आपको खुशी या दु:ख है क्या वो 1 साल बाद उतना ही रहेगा जैसा आज है, नहीं! क्योंकि इस 1 साल में आपने अपनी लाइफ में कई नई तरह की चीजें experience की और पुरानी यादें धीमे धीमे हटती चली गईं, एक पल ऐसा आता है कि उस 1 साल पुरानी बात को अगर आप अपने आप से ही किसी को बताएंगे भी तो भी वेसी फीलिंग नहीं होगी जैसी 1 साल पहले थी.
जब तक हमारे दिमाग से टेम्पररी यादें नई यादों से replace नहीं की जाती तब तक वो ज्यादा सोचने की वजह से अपनी जगह गहरी करती रहती हैं,
ऐसे में कुछ लोग बुरे पलों के बारे में बहुत सोच सोचकर उदास होते रहते हैं और कुछ लोग उस से निकलने के लिए कुछ न कुछ नया करने लगते हैं और उन टेम्पररी पेनफुल सिचुएशन से खुदको बाहर करके अपने आप में जीवन को बेहतर बनाना शुरू कर देते हैं.
ये कुदरत हमें कितना कुछ सिखाती है, जो "टूटी" हुई चीज़ों का इस्तेमाल बहुत ही ख़ूबसूरती से करती है, जैसे बादल टूटने पर पानी की फुहार आती है, मिट्टी टूटने पर खेत का रुप लेती है, फल के टूटने पर बीज अंकुरित हो जाता है और बीज टूटने पर एक नये पौधे की संरचना होती है, इसीलिये जब आप ख़ुद को टूटा हुआ महसूस करे तो समझ लीजिये कुदरत आपका इस्तेमाल किसी बड़ी उपयोगिता के लिये करना चाहती है, इसीलिए सदैव
प्रसन्न रहें और हँसते रहें क्योंकि आपकी हँसी दुनिया का सबसे अनमोल उपहार है.
5. क्या मुसीबतें झेलकर ही इंसान अमीर बन सकता है?
अमीर बनने के लिए ऐसा कोई नियम नहीं है। हम सबको ये बताया जाता है कि देखो फलां व्यक्ति कितनी मुसीबतें झेलकर सफल हुआ है। कारण यही है कि दुनिया को प्रेरित करने के लिए हम सबको ऐसे उदाहरण इसलिए दिए जाते हैं जिससे बाकी लोगों का मनोबल दृण हो सके।
सभी के पास एक दिन में 24 घंटे होते हैं, अब फर्क इससे पड़ता है कि कौन व्यक्ति इन घंटों का किस प्रकार से उपयोग कर रहा है। दुनिया में अमीर व्यक्ति हो या गरीब, सभी साधारण से खेत में उगे हुए अनाज को ही खाता है बस फर्क बर्तनों का या जगह का हो सकता है। कोई 5 सितारा होटल में वही रोटी घी मक्खन से खाता है तो कोई साधारण से घर में। यदि गहनता से देखा जाए तो मालूम तो किसी को नहीं होता कि भविष्य में कोई अमीर बनने वाला है या गरीब, किंतु आपके आज के कार्य तय करते हैं कि निकट भविष्य क्या होगा। मुसीबतें झेलकर आप शशक्त बन सकते हैं किंतु अमीर बनने के लिए आपकी अपने कार्यों पर अच्छी पकड़, बेहतर समन्वय, व्यवहारिक ज्ञान एवं व्यवहार कुशलता अवश्य एक अच्छी भूमिका निभाती हैं।
आप इसपर क्या राय रखते हैं कमेंट में अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें।
6. हमेशा आशावान बने रहें:
अगर कोई आपकी उम्मीद से जीता है, तो आप भी उसके यकीन पर खरा उतरिये, क्योकि इंसान उसी से उम्मीद रखता है जिसको वो अपने सबसे करीब मानता है. अगर मुश्किल में आपने भी उसका साथ छोड़ दिया तो वो जी तो जाएगा लेकिन फिर कभी आप पर यकीन नहीं कर पायेगा. याद रखिये, कभी कभी मजबूत हाथों से पकड़ी हुई, उँगलियाँ भी छूट जाती हैं क्योकि रिश्ते ताकत से नहीं, दिल से निभाये जाते हैं, आप किसी को प्यार तो कर सकते हैं लेकिन जब तक आप उसका दिल नहीं जीत लेते तब तक वो आपको प्यार नहीं करेगा. वक़्त, प्यार और परिवार ये वो चीजें है, जो मिलती तो मुफ्त हैं, मगर इनकी कीमत का पता तब चलता हैं जब ये कहीं खो जाती हैं. इसलिये जितना हो सके इनकी कद्र करें वरना शिकायतें तो इंसान को भगवान से भी होती हैं. दिखावा और झूठ बोलकर व्यवाहर बनाने से अच्छा है, सच बोलकर दुश्मन बना लो, तुम्हारे साथ कभी विश्वाशघात नही होगा.
कच्चे मकान देखकर किसी से रिश्ता ना तोडना क्योंकि मिट्टी की पकड बहुत मजबूत होती है और यही मिट्टी जिंदा रहते खाना देती है और जीवन अंत में घर भी. मंज़िलो से अपनी डर ना जाना, रास्ते की परेशानियों से टूट ना जाना, जब भी ज़रूरत हो ज़िंदगी मे किसी अपने की, शीशे में खुदको देखना और आगे जाना.k
भरोसे पे ही जिंदगी टिकी है, वरना गाड़ियों के पीछे कोई क्यों लिखता, "फ़िर मिलेंगे". अगर हम सिर्फ रफ़्तार और काम करने को कामयाबी समझ बैठे, तो हमारी गाडी बहुत अच्छी चलेगी. लेकिन हम कहीं पहुँच नहीं पायेंगे.
मतलब और स्वार्थ के रिश्ते कोयले की तरह होते हैं. जब गर्म होते हैं तो छूने वाले को ही जला देते हैं और जब ठंडे होते हैं तो छूने वाले के ही हाथ काले कर देते हैं. जीवन का सबसे बड़ा अपराध किसी की आँख में आँसू आपकी वजह से होना और जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि किसी की आँख में आँसू आपके लिए होना.
क्या खूब लिखा है किसी ने, समझ नही आता जिंदगी तेरा फैसला.एक तरफ तू कहती है सबर का फल मिठा होता है और दूसरी तरफ कहती है वक्त किसी का इंतजार नही करता. अच्छे इन्सान की सबसे पहली और सबसे आखिरी निशानी ये हैं कि वो उन लोगों की भी इज्जत करता है जिनसे उसे किसी किस्म के फायदे की उम्मीद नही होती. हमें अक्सर महसूस होता है कि दूसरों का जीवन हमसे अच्छा है, लेकिन हम भूल जाते हैं, कि उनके लिए हम भी दूसरे हैं. जो रिश्ते दिलों में पला करते हैं वही चला करते हैं, वरना आंखों को पसन्द आने वाले तो रोज बदला करते हैं. दुनिया में हजारों रिश्ते बनाओ लेकिन उन हजारों रिश्ते में से एक रिश्ता ऐसा बनाओ कि जब हजारों आप के खिलाफ़ हो तब भी वह आपके साथ हो. धन कहता मुझे जमा कर, कैलेंडर कहता है मुझे पलट, समय कहता हैं मुझे प्लान कर, भविष्य कहता हैं मुझे जीत, सुंदरता कहती हैं मुझे प्यार कर, लेकिन कुदरत साधारण शब्दों मैं कहती है कर्म कर और खुदपर विश्वास कर. याद आना और याद करना दोनों अलग-अलग बातें है, याद हम उन्हें करते है, जो हमारे अपने होते है और याद हम उन्हें आते हैं, जो हमें अपना समझते है. सब दुःख दूर होने के बाद मन प्रसन्न होगा ये आपका भ्रम है. मन प्रसन्न रखो, सब दुःख दूर हो जायेंगे ये हकीकत है. सिर्फ खड़े होकर पानी देखने से आप नदी नहीं पार कर सकते. उसकी कदर करने में जरा भी देर मत करना जो इस दौर में भी आपको वक्त देता हो. श्रेय मिले न मिले, अपना श्रेष्ठ देना कभी बंद न करें क्योंकि आशा चाहे कितनी भी कम हो निराशा से बेहतर होती है.
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