अगर आपने ये बातें समझ लीं तो ये जीवन आपको आसान सा लगेगा
जिसकी वजह से आपका सबसे ज्यादा दिल दुखता है, आप प्यार भी सबसे ज्यादा उसी को करते हैं. जिसकी वजह से आप रोज झगड़ा करते हैं, समझ लेना आप प्यार भी उसी को सबसे ज्यादा करते हैं, इसलिए उसे सुधारने की कोशिश में उसे खो मत बैठना, क्योंकि रिश्ते पिंजरों मैं नही खुले आकाश में पला करते हैं. किसी के लिए द्वेष मत रखो, कोई चाहे कितना भी बुरा क्यों न हो, सबके लिए अच्छी सोच और मन को शांत रखो, एक महासागर जो शांत है वो चाहे तो पूरी धरती को अपने सैलाब से डुबो दे, लेकिन वो जनता है सृजन की कीमत क्या होती है. जब पानी बनाने वाली कंपनी ने बाजार में पानी की बोतल बेचीं तो लोग हँसने लगे कि क्या वेवकूफ लोग हैं जो पानी बेच रहे हैं, कौन खरीदेगा? और आज वही बोतल लोग मजबूरी में या शौक से खरीद रहे हैं. जबसे मैंने अपने जीवन से मोह, स्वार्थ, अहंकार, द्वेष और दूसरों के लिए प्रतिस्पर्धा हटाई, तबसे जीवन बडा आसान और सुकून भरा हो गया.
जीवन में ये मायने नहीं रखता कि गुरु छोटा है या बड़ा, दु:ख है या सुख, अच्छा वक्त या बुरा वक्त कोई भी गुरु हो सकता है और जो आपको सही रास्ते पर लाकर मंज़िल तक पहुँचा दे वही गुरु और सत्य है. ये जीवन हमें मिला है इसे जैसे बनाना है ये वैसा ही बनेगा. संसार मे आधे लोग ऐसे है, जिनके पास कहने को तो बहुत कुछ है, लेकिन वह कुछ कह नही पाते, शेष आधे ऐसे भी है जिनके पास, कहने के लिये कुछ काम की बात नही है फिर भी वह कहते ही रहते हैं, कुछ भी बोलते ही रहते है, जिसका कोई मतलब नही होता. पत्थर तब तक सलामत है, जब तक वो पर्वत से जुड़ा है, पत्ता तब तक सलामत है, जब तक वो पेड़ से जुड़ा है. जब एक पत्ता पेड़ से टूटकर गिरता है तो हवा के साथ-साथ वो कहीं दूर जाकर गिरता है और इस तरह वो हमेशा हमेशा के लिए पेड़ से बिछुड़ जाता है. इसलिए रिश्तों में कभी भी ऐसा न होने दें कि उस पत्ते की तरह जीवन हो जाये, याद रखें दुनिया में ऐसा कोई रिश्ता नहीं जिसमे झगड़ा न हो, उस झगड़े में भी प्यार को तलाश लें. जो आपको बार-बार रोकेगा, ऐसा करो, वैसा करो, ये करो वो मत करो, क्योंकि उसे फ़िक़्र है आपकी, वरना जिसे आपसे लगाव नहीं वो क्यों किसी के लिए अपना समय खराब करेगा. इसलिए कड़वाहट पर मत जाइए किसी की, उसके भावों को समझिए कि उसे आपकी कितनी फ़िक़्र है. जिसे जीना आता है वह बिना किसी सुविधा के भी खुश मिलेगा, जिसे जीना नही आता वह सभी सुविधाओ के होते हुए भी दु:खी ही मिलेगा.
अगर कोई भी दुनिया में आपसे ये कह दे कि ऐसा करने से आपके जीवन से दु:ख चले जायेंगे, तो समझ लेना इस से बड़ा और कोई झूठ नहीं. ये ठीक वैसा ही है कि मैं रात खत्म कर दूंगा, अगर रात खत्म हुई तो 24 घंटे सूर्य का तेज झेल पाना कितना मुश्किल होगा? प्रकाश होते हुए भी जीवन असहनीय होगा. कुदरत ने सारी चीजों को सही ढंग से संतुलित किया है, किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया. इसलिए खुश होना चाहिए कि जीवन में दु:ख और सुख दोनों हैं, ये जोड़ी कुदरत ने बनाई है और कुदरत के फैसले हमारी ख्वाहिशों से बेहतर हैं. यदि दुनिया में कोई आपको सफल बना सकता है तो वो आप खुद हो, कोई आपको रास्ता दिखा सकता है, तरीका बता सकता है लेकिन जब तक आप खुद नहीं चाहोगे तब तक सब व्यर्थ है. जब आप खुद चाहोगे तो कोई आपको रोक भी नहीं सकता. हैरानी की बात है लेकिन दुनिया मे कोई चीज़ 100% शुद्ध है ही नहीं, दूध भी 88.3% पानी और 11.7% बाकी सारे न्यूट्रिएंट्स से बना है शुद्ध होगा तो पाउडर बन जायेगा. आज तक कोई साइंटिस्ट अपनी थ्योरी मैं ये लिखकर नहीं गया कि उसकी थ्योरी के पैसे वसूलना दुनिया से. सर्वश्रेष्ठ ज्ञान पूरी मानव सभ्यता की भलाई के लिए होता है, जो कि पूरी तरह फ्री होता है, हमारा व्यवहार भी कई बार हमारे ज्ञान से अच्छा साबित होता है, क्योंकि जब परिस्थितियां विपरीत होती हैं तब ज्ञान से अधिक हमारा व्यवहार काम आता है.
पारखी ही परख सकता है कि वस्तु कांच है या हीरा, अन्यथा साधारण तौर पर किसी को काँच नज़र आता है तो किसी को हीरा, परंतु परखने वाले की एहमियत ज्यादा है, ठीक वैसे ही आपकी एहमियत ज्यादा है जो आप किसी के कार्य को परखते हें. जब आप उचाईयों की सीढ़ियां चढ़ रहे हों तो पीछे छूटते लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करें क्योंकि उतरते समय ये सभी रास्ते में फिर मिलेंगे. महत्वपूर्ण यह नहीं है कि आपकी "उम्र" क्या है, बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि आपकी "सोच" किस उम्र की है. पीपल के पत्तों जैसा मत बनो जो वक्त आने पर सूख कर गिर जाते है, बनना है तो मेहँदी के पत्तों जैसा बनो जो पिसकर भी दूसरों की जिंदगी में रँग भर देते हैं. इंसान अपना अहंकार अपने अच्छे वक़्त में दिखाता है लेकिन उसका अंजाम उसके बुरे वक़्त में दिखता है, इसलिए वक़्त चाहे जो हो आप उस हरे पेड़ की तरह रहो जिसे सबको जीवन देने वाली ऑक्सीजन ही देनी है.
किस बात का गुरूर और अहंकार करें, इस वक़्त ने आज किसी को शक्तिशाली बना दिया और इसी वक्त ने उसी को मिट्टी में भी मिला दिया. बहुत वीर योद्धा, महारथी आये इस दुनिया में, जिन्होंने दुनिया पर राज करने की भी सोची, बर्बाद करने का अहंकार भी दिखाया, पर वक़्त ने सभी को मिट्टी में मिला दिया. इसलिए कभी किसी चीज़ पर अहंकार नहीं करना चाहिए, बस ये सोचना चाहिए कि आज जो चीज़ हमे कुदरत ने दी है हम कैसे इसका सही उपयोग करें. सबके लिए अच्छा सोचकर ही सबकुछ अच्छा हो सकता है. इंसान अपने बुरे वक्त में अकेला होता है और सफलता में दुनिया उसके साथ होती है. सफलता पाना मुश्किल नहीं पर मुश्किल है उसे बरकरार रख पाना. उसके लिए हमेशा दूसरों की भावनाओं का खयाल रखें और सबको साथ लेकर चलने की सोच रखें. अगर आप सोच रहे हैं कुछ करने की तो आज से बेहतर कुछ नहीं क्योंकि कल कभी आता नहीं और आज कभी जाता नहीं, इसलिए इंतज़ार न करें बस करना शुरू करें.
कल कुछ भी नही होता है, कल बस आज की यादों के लिए होता है. काश ये कर लेता काश वो कर लेता, किसे डर नही लगता कि मेरा काम खराब न हो जाये, इस पूरी दुनिया में बड़े से बड़े सफल इंसान ने बुरी से बुरी परिष्तिथियों का सामना किया है कभी डर तो उन्हें भी लगता होगा, लेकिन आप यही सोचते रहे कि ये कार्य होगा या नहीं, नहीं हुआ तो क्या होगा, तो कभी शुरू ही नही कर पाएंगे और शुरू ही नही किया तो काम तो खराब हो ही गया न. इसलिए करके कोई काम जो आप करना चाहते हो उस से एक बात तो क्लियर हो जाएगी कि काम या खराब होगा या बन जायेगा. अगर बन गया तो अच्छा हुआ और नहीं बना तो बहुत कुछ सीखने को तो मिलेगा कि अब बनाना कैसे है. अब न करने से तो कई गुना ये अच्छा ही है. किसी एक जगह बहुत ही खूबसूरत शब्द लिखे थे दुनिया में छोड़ने जैसा कुछ है तो दुसरों से उम्मीद करना छोड़ दें आपकी आधी से ज्यादा समस्याएं खुद खत्म हो जाएंगी.
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