आप काम को बोझ क्यों समझते हैं?| Hindi stories
दोस्तों,हममें से ज्यादातर लोग अपनी कार्य क्षमता का उपयोग बहुत कम या सीमित करते हैं, इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे संबंधित कार्य में हमारी उतनी रुचि नहीं होती है या हमें अपेक्षा के अनुरूप नौकरी नहीं मिलती है. एक बूढ़ा बढ़ई अपने काम के लिए प्रसिद्ध था. उसके द्वारा बनाए गए लकड़ी के घर दूर-दूर तक प्रसिद्ध थे. लेकिन अब बूढ़ा होने के कारण उसने सोचा कि वह अपना शेष जीवन आराम से व्यतीत करे. अगली सुबह वह अपने मालिक के पास पहुंचा और मालिक से कहा, "ठेकेदार साहब, मैंने आपकी कई सालों तक सेवा की है और मैं अपनी बाकी की जिंदगी आराम से बिताना चाहता हूं, कृपया मुझे काम छोड़ने की अनुमति दें." ठेकेदार बढ़ई को बहुत मानता था, इसलिए उसे यह सुनकर थोड़ा दुख हुआ लेकिन वह उस बढ़ई को निराश नहीं करना चाहता था.
उसने कहा,"आप यहां के सबसे अनुभवी व्यक्ति हैं आपकी कमी यहां कोई पूरी नहीं कर पाएगा लेकिन मैं आपसे निवेदन करता हूं कि जाने से पहले एक आखिरी काम करते जाइए.कारपेंटर ने कहा,जी क्या काम करना है?ठेकेदार उसे घर बनाने के लिए जरूरी पैसे देते हुए बोला,मैं चाहता हूं कि आप जाते-जाते हमारे लिए एक और लकड़ी का घर बनाकर तैयार कर दीजिए.कारपेंटर इस काम के लिए तैयार हो गया.उसने अगले दिन ही घर बनाना शुरू कर दिया.लेकिन यह जानकर कि उसका यह आखिरी काम है,इसके बाद उसे और कुछ नहीं करना होगा,वह थोड़ा ढीला पड़ गया.इससे पहले जहां वह बड़ी सावधानी से लकड़ियां चुनता और काटता था अब बस कामचलाऊ तरीके से यह सब करने लगा.उसने कुछ हफ्तों में ही घर तैयार कर दिया.और वह ठेकेदार के पास पहुँचकर बोला, ठेकेदार साहब मैंने घर तैयार कर लिया है अब तो मैं काम छोड़ कर जा सकता हूं ना? ठेकेदार बोला, अब आप बिल्कुल जा सकते हैं लेकिन अब आपको अपने पुराने छोटे से घर में जाने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस बार जो घर आपने बनाया है वह आपकी बरसों की मेहनत का इनाम है, जाइए अपने परिवार के साथ इस घर में खुशहाली से रहिए.कारपेंटर को यह सुनकर बड़ा झटका लगा वह मन ही मन सोचने लगा कि कहाँ मैंने दूसरों के लिए एक से एक बढ़कर घर बनाए और बारी जब अपने ही घर को बनाने की आई तो इतने घटिया तरीके से बना बैठा.
काश मैंने यह घर भी बाकी घरों की तरह ही बनाया होता तो आज बाकी की ज़िंदगी आराम से गुज़ार सकता था.
दोस्तों,यह समस्या उस कारपेंटर की नहीं है यह समस्या हमें से कई लोगों की है हमें जो भी काम दिया गया है हमें खुद उसे बेहतरीन करना होता है अपने अंदर से अपने काम के लिए कभी नकारात्मक नहीं होना चाहिए,अपना संभव उत्कृष्ट प्रयास करना चाहिए चाहे वह आखिरी काम ही क्यों न हो.
आपको यह कहानी कैसी लगी हमें अपनी प्रतिक्रिया कमेंट कर बता सकते हैं.धन्यवाद!!
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