अगर जीवन में सफल होना चाहते हैं तो इसे जरूर समझ लें
एक बार एक लड़के ने एक शिक्षक से पूछा कि सर सफलता का रहस्य क्या है? शिक्षक ने उस लड़के से कहा कि तुम कल मुझे नदी के किनारे मिलो. जब वे मिले, तो शिक्षक ने लड़के से उनके साथ नदी की तरफ (बीच में) बढ़ने को कहा और जब आगे बढ़ते-बढ़ते पानी गले तक पहुँच गया, तभी अचानक शिक्षक ने उस लड़के का सर पकड़ के पानी में डुबो दिया. क्या ऐसी परिस्थिति में वो लड़का कुछ सोच सकता था? नहीं न, पर लड़का बाहर निकलने के लिए संघर्ष करने लगा, परंतु शिक्षक ताकतवर थे और उसे तबतक पानी से नहीं निकलने देते जब तक कि वो लड़का अपना पूरा जोर नहीं लगा देता.
बार-बार ऐसा किया और एक स्थिति ऐसी आयी कि लड़के ने अपनी सारी शक्ति इस्तेमाल की और खुदको शिक्षक के हाथ से छुड़ा लिया. अब शिक्षक ने पूछा , ”जब तुम पानी के अंदर थे तो तुम सबसे ज्यादा क्या चाहते थे?” लड़के ने उत्तर दिया, ”साँस लेना”. तब शिक्षक ने कहा, "यही सफलता का रहस्य है".
जब तुम सफलता को उतनी ही बुरी तरह से चाहोगे जितना की तुम साँस लेना चाहते थे, उतनी ही तीव्र इच्छा तुम जब सफल होने के लिए रखोगे तो वो तुम्हें मिल जाएगी” इसके आलावा और कोई रहस्य नहीं है.
जब आप सिर्फ और सिर्फ एक चीज चाहते हैं तो वो चीज आपको मिल जाती है. जैसे छोटे बच्चों को देख लीजिये वे न भूतकाल में जीते हैं न भविष्यकाल में, वे हमेशा वर्तमान में जीते हैं. जब उन्हें खेलने के लिए कोई खिलौना चाहिए होता है या चॉकलेट चाहिए होती है तो उनका पूरा ध्यान,पूरी शक्ति बस उसी एक चीज को पाने में लग जाती है और वे उस चीज को पा लेते हैं चाहे रूठकर या जिद करके.
सफल होने की सोचने से ज्यादा महत्वपूर्ण है किसी चीज़ पर केंद्रित (Focus) होना और उसकी तीव्रता कितनी है? क्या सोचकर हम किसी कार्य की शुरुआत कर रहे हैं? और किस हद तक हम उसे कर सकते हैं? अंग्रेज़ी में कहा जाता है Learning is a painful process अर्थात् "सीखना एक पीड़ादायक प्रक्रिया है". लेकिन ये भी सच है कि जब तक हम सीखेंगे नहीं तब तक हमारी कही बात का कोई आधार नहीं होगा. वहीं जब हम सीख जाते हैं तो हम पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी बात को रखते हैं.
याद करें जब आप छोटे थे और शिक्षक आपको याद करने के लिए काफी सारे फॉर्मूले और सिद्धांतों (Theories) को ये कहकर दिया करते थे कि कल तक इसे पूरा याद करके लाना ही लाना है वरना.. बस फिर आपको लगता था कि काश स्कूल की 2 दिन की छुट्टी हो जाए या हम तो अपनी पसंद की जगह घूमना चाहते हैं ये मुसीबत क्यों दे दी हमें याद करने के लिए?
सभी में कुछ न कुछ अलग करने की इच्छा होती है, लेकिन जब बात सीखने की आती है तब वे पीछे हटने लगते हें, क्योंकि सीखने की प्रक्रिया में सबकुछ उनके जैसा ही हो ये जरूरी नहीं है.
लेकिन उन्ही में से कुछ जिद्दी लोग भी होते हें जिन्हें इस से फर्क नहीं पड़ता कि कितना मुश्किल है बस ये उनकी पसंद का है और वे इसे करना ही चाहेंगे चाहे उन्हें सफलता मिले या हारने से सीख. सफलता एक भ्रम है, ये एक ऐसा शीशा है जो हमें ये बताता है कि तुम असफल नहीं हो सकते.
अगर आप असफलता को भी वेसे ही अनुभव करोगे जैसे सफलता को करते हो तो निश्चित रूप से आप हर परिस्थिति में जीतना चाहते हो. और थोड़ी सी रुकावट या परेशानी आने पर भ्रमित नहीं होगे. तब तक, जब तक कि आप दोनों चीजों का अनुभव नहीं कर लेते.
जिसने असफलता अनुभव की है वही सच्चे मायने में सफलता को अनुभव कर सकता है. इसलिए मन से ये डर निकाल दें कि सफल होना ही सबकुछ है. बस ये सोचें कि रास्ता जितना लंबा है रुकावटें उतनी ही आएँगी.
लेकिन अगर रास्ते पर आ ही गए हैं तो मंज़िल अब पानी ही है. तब सफलता और असफलता दोनों ही आपके हाथ में होंगी. ये लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें.
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