दिल छू जाने वाली एक सच्ची कहानी
अपने मकान का नवीनीकरण करने के लिये एक व्यक्ति लकड़ी से बने मकान की दीवारों को तोड़ रहा था. लकड़ी की दीवारों के बीच ख़ाली जगह होती हैं, यानी दीवारें अंदर से पोली होती हैं. जब वह लकड़ी की दीवारों को चीर-तोड़ रहा था, तभी उसने देखा कि दीवार के अंदर की तरफ लकड़ी पर एक छिपकली, बाहर से उसके पैर पर ठुकी कील के कारण एक ही जगह पर जमी पड़ी है. जब उसने यह दृश्य देखा तो उसे बहुत दया आई और साथ ही कुछ जानने की इच्छा भी हुई.
जब उसने आगे जाँच की तो पाया कि वह कील तो उसके मकान बनते समय पाँच साल पहले ठोंका गई थी. एक छिपकली इस स्थिति में पाँच साल तक जीवित थी! दीवार के अँधेरे पार्टीशन के बीच, बिना हिले-डुले? यह अविश्वसनीय, असंभव और चौंका देने वाला था.
उसकी समझ से यह परे था कि एक छिपकली, जिसका एक पैर एक ही स्थान पर पिछले पाँच साल से कील के कारण चिपका हुआ था और जो अपनी जगह से एक इंच भी न हिली थी वह कैसे जीवित रह सकती है? अब उसने यह देखने के लिये कि वह छिपकली अब तक क्या करती रही है और कैसे अपने भोजन की जरुरत को पूरा करती रही है, अपना काम रोक दिया.
थोड़ी ही देर बाद वहाँ एक दूसरी छिपकली आई, वह अपने मुँह में भोजन दबाये हुये थी, उस फँसी हुई छिपकली को खिलाने के लिये! ये देख वो व्यक्ति सन्न रह गया और यह दृश्य उसके दिल को अंदर तक छू गया! एक छिपकली, जिसका एक पैर कील से ठुका हुआ था, उसे एक दूसरी छिपकली पिछले पाँच साल से भोजन खिला रही थी, ये काफी अद्भुत था. दूसरी छिपकली ने अपने साथी के बचने की उम्मीद नहीं छोड़ी थी. वह पहली छिपकली को पिछले पाँच साल से भोजन करवा रही थी.
कितना अजीब है न, एक छोटा-सा जंतु तो यह कर सकता है, पर हम मनुष्य जैसे प्राणी, जिसे बुद्धि में सर्वश्रेष्ठ होने का आशीर्वाद मिला हुआ है, नहीं कर करते. ये बड़ा अजीब है लेकिन मानव स्वभाव संवेदनाओं से भरा है, हमें अपनों की भावनाओं को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए.
यदि हम लगातार ऐसा करते हैं तो एक दिन हमारी भावनाओं को समझने वाला भी कोई नहीं बचता, फिर हम सभी को शक भरी दृष्टि से देखना शुरू कर देते हैं. इसका सीधा तात्पर्य उस कहावत से है जो व्यवहार हम अपने लिए चाहते हैं वही हमें बिना शिकायत दूसरों को देने का प्रयास करना चाहिए. ये लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें.
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