नकारात्मक सोच में हम क्या-क्या करते हैं?

दुनिया में हर कोई किसी न किसी प्रॉब्लम में है सभी अपनी कोई न कोई प्रॉब्लम किसी ना किसी से शेयर करते हैं.हम उन चीजों के बारे में दूसरों से डिस्कस करते हैं जो हमारे पास नहीं हैं और हमें लगता है कि हम बहुत परेशानी में है,हम बहुत संघर्ष कर रहे हैं लेकिन उनका क्या?जिनके पास अपने शरीर के पूरे अंग ही नहीं होते या किसी हादसे में खो खो देते हैं. उनका क्या जो बचपन से ही किसी न किसी मानसिक या शारीरिक बीमारी से जूझ रहे होते हैं फिर भी वह जीते हैं.और यकीन मानिए उनमें से कुछ ऐसे भी होते हैं जो इतने बड़े-बड़े काम कर जाते हैं जो हमारे लिए करना भी इंपॉसिबल है.अगर किसी दिन हमारा कुछ करने का मन नहीं होता तो हम पूरा का पूरा दिन खराब कर देते हैं और ऐसा करने में हमें बिल्कुल भी परेशानी नहीं होती.मान लीजिए कि आपके पास ₹100000 हैं और उनमें से ₹10 किसी ने चुरा लिए,तो फिर क्या आप बाकी के 99,990 रुपए किनारे रख देंगे और ₹10 के पीछे भागेंगे जो आपके पास नहीं है? या फिर यह सोचेंगे कि जो बाकी के ₹99,990 हैं आपके पास उनसे क्या करना है? मगर शायद आपने कभी इस बात पर ध्यान ना दिया हो कि हर इंसान के पास 1 दिन में 24 घंटे होते हैं और उन 24 घंटों में 86,400 सेकंड होते हैं और अगर कोई आपके 10 सेकंड लेकर आप को निराशा में डुबो देता है
तो केवल 10 सेकंड की वजह से आप अपने पूरे दिन के 86390 सेकंड बर्बाद कर देते हैं वह भी बिना कुछ सोचे समझे और ऐसा करने के लिए हमें किसी वजह की जरूरत नहीं होती क्योंकि हम अपने माइंड को उस लेवल पर ले ही नहीं जाते या हम सोच ही नहीं पाते कि जो चला गया उसे छोड़कर जो मेरे पास है मुझे उस पर फोकस करना चाहिए,नाकि उस पर जो कि मेरे पास नहीं है.अब प्रॉब्लम यहां पर यह है कि इस प्रॉब्लम से निकलने के लिए हम कोई रास्ता नहीं ढूंढते.जानते सब हैं लेकिन फॉलो कोई नहीं करता.अभी आप किसी से पूछें तो जवाब यही मिलेगा कि मुझे सब पता है!! मुझे मत बताओ!! ऐसे लोगों को आपको डिमोटिवेट करने के अलावा और कुछ नहीं आता.यह बहुत छोटी-छोटी चीजें हैं जिन्हें हम समझते ही नहीं है या फिर इन्हें समझने में इतना टाइम लगा देते हैं कि हमारे पास वक्त ही नहीं बचता आगे कुछ और करने के लिए.हर इंसान अपनी लाइफ में कोई काम जरूर करना चाहता है लेकिन सिर्फ कुछ ही ऐसे लोग होते हैं जो उन्हें पूरा कर पाते हैं बाकी क्यों नहीं कर पाते? यह कभी सोचा है? सिंपल है,लाइफ में एक बार एक प्रॉब्लम आ गई तो लोगों को एक बार में सफलता मिलनी चाहिए,एक बार में टॉप करना है,एक बार मैं अपनी पसंदीदा जॉब करनी है और अगर एक बार में नहीं हुआ, दो या तीन बार में भी नहीं हुआ तो क्या करोगे?
लाइफ में आने वाली हर छोटी-छोटी प्रॉब्लम के चक्कर में हम अपने बड़े-बड़े सपनों को बर्बाद कर देते हैं.हम उनमें इतना उलझ जाते हैं कि और किसी चीज पर ध्यान ही नहीं दे पाते,जो नहीं करना चाहिए वह करते रहते हैं.इसलिए छोटी-छोटी चीजों पर अपने बड़े-बड़े सपने बर्बाद मत करो क्योंकि जिंदगी उससे भी बड़ी है.
Credits:Thoughts of ANS GUIDE,
Published by Kuldeep Singh Wisdom

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