सीखना सबसे ज़रूरी है ll Learning is so important
कई बार हम सब ये देखते हैं कि अगर हम अपने दिमाग का इस्तेमाल नहीं करते तो उसकी शार्पनेस घटती जाती है,अगर हम अपनी मांसपेशियों का इस्तेमाल नही करते तो उनकी ताकत घट जाती है.इसी तरह अगर हम अपने हुनर को तारास्ते नहीं तो हमारी काम करने की
छमता कम होती जाती है.बहुत बार हम अपनी मौजूद नौकरी या बिज़नेस में इतने आरामदेह हो जाते हैं कि बदलाव के बारे में सोचते ही नहीं और अपने अन्दर किसी नए हुनर को नहीं जोड़ना चाहते.अपनी नॉलेज बढ़ाने के लिए कोई किताब नहीं पढ़ते,किसी ट्रेनिंग प्रोग्राम में भाग नहीं लेते.यहाँ तक की हम उन चीजों में भी कमजोर हो जाते हैं जिनकी वजह से कभी हमे जाना जाता था और फिर जब मार्केट कंडीशन्स बदलती हैं और हमारी नौकरी या बिज़नेस पे आंच आती है तो हम हालात को दोष देने लगते हैं.ऐसा मत करिए,अपनी काबिलियत,अपनी ताकत को जिंदा रखिये.अपने कौशल,अपने हुनर को और तराशिये उसपे धूल मत जमने दीजिये.और जब आप ऐसा करेंगे तो बड़ी से बड़ी मुसीबत आने पर भी आप ऊँची उड़ान भर पायेंगे.इसे हम एक बड़े से उदाहरण से समझते हैं,
गिद्धों का एक झुण्ड खाने की तलाश में भटक रहा था उड़ते – उड़ते वे एक टापू पे पहुँच गए।
वो जगह उनके लिए स्वर्ग के समान थी।
हर तरफ खाने के लिए मेंढक, मछलियाँ और समुद्री जीव मौजूद थे
और इससे भी बड़ी बात ये थी कि वहां इन गिद्धों का शिकार करने वाला कोई जंगली जानवर नहीं था
और वे बिना किसी भय के वहाँ रह सकते थे।
युवा गिद्ध कुछ ज्यादा ही उत्साहित थे,
उनमे से एक ने बोला:-वाह ! मजा आ गया,
अब तो मैं यहाँ से कहीं नहीं जाने वाला,
यहाँ तो बिना किसी मेहनत के ही हमें बैठे -बैठे खाने को मिल रहा है!बाकी गिद्ध भी उसकी हाँ में हाँ मिलाते हुए ख़ुशी से झूमने लगे।सबके दिन मौज -मस्ती में बीत रहे थे लेकिन झुण्ड का सबसे बूढ़ा गिद्ध इससे खुश नहीं था।एक दिन अपनी चिंता जाहिर करते हुए वो बोला:भाइयों,हम गिद्ध हैं,हमें हमारी ऊँची उड़ान और अचूक वार करने की ताकत के लिए जाना जाता है।
पर जबसे हम यहाँ आये हैं,हर कोई आराम तलब हो गया है,ऊँची उड़ान तो दूर ज्यादातर गिद्ध तो कई महीनो से उड़े तक नहीं हैं.और आसानी से मिलने वाले भोजन की वजह से अब हम सब शिकार करना भी भूल रहे हैं.ये हमारे भविष्य के लिए अच्छा नहीं है.
मैंने फैसला किया है कि मैं इस टापू को छोड़ वापस उन पुराने जंगलो में लौट जाऊँगा,अगर मेरे साथ कोई चलना चाहे तो चल सकता है.बूढ़े गिद्ध की बात सुन बाकी गिद्ध हंसने लगे.किसी ने उसे पागल कहा
तो कोई उसे मूर्ख की उपाधि देने लगा.
बेचारा बूढ़ा गिद्ध अकेले ही वापस लौट गया.समय बीता, कुछ वर्षों बाद बूढ़े गिद्ध ने सोचा,ना जाने मैं अब कितने दिन जीवित रहूँ,क्यों न एक बार चल कर अपने पुराने साथियों से मिल लिया जाए.लम्बी यात्रा के बाद जब वो टापू पे पहुंचा तो वहां का दृश्य भयावह था.
ज्यादातर गिद्ध मारे जा चुके थे और जो बचे थे वे बुरी तरह घायल थे.ये कैसे हो गया ?बूढ़े गिद्ध ने पूछा.
कराहते हुए एक घायल गिद्ध बोला,हमे क्षमा कीजियेगा,हमने आपकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया और आपका मजाक तक उड़ाया.दरअसल,
आपके जाने के कुछ महीनो बाद एक बड़ी सी जहाज इस टापू पे आई.और चीतों का एक दल यहाँ छोड़ गयी।
चीतों ने पहले तो हम पर हमला नहीं किया,पर जैसे ही उन्हें पता चला कि हम सब न ऊँचा उड़ सकते हैं और न अपने पंजो से हमला कर सकते हैं तो उन्होंने हमे खाना शुरू कर दिया.अब हमारी आबादी खत्म होने की कगार पर है.बस हम जैसे कुछ घायल गिद्ध ही ज़िंदा बचे हैं.बूढ़ा गिद्ध उन्हें देखकर बस अफ़सोस कर सकता था,
वो वापस जंगलों की तरफ उड़ चला.दोस्तों,
अगर हम अपनी किसी काबिलियत का प्रयोग नहीं करते तो धीरे-धीरे हम उसे खो देते हैं।इसलिए खुदको हमेशा कुछ न कुछ नया सीखने के लिए तैयार रखें.ये न केवल आपके ज्ञान के लिए आवश्यक है वल्कि योग्य और अनुभवी बनने के लिए भी जरूरी है।
आपके विचार मै हमेश देखता हूँ आपने मुझे जीना सिखा दिया है ☺
जवाब देंहटाएंक्या आप मुझे अपनी शरण मे लोगे
जवाब देंहटाएंमुझे अपना शिष्य बना लो जी
जवाब देंहटाएंआपके जवाब का इन्तजार है गुरू जी
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