एक अटल सत्य:Hindi moral story
अहंकारी मनुष्य कभी किसी की बात नहीं सुनेगा,वो हमेशा अपने अहंकार के नशे में ही चूर रहेगा,वह स्वयं को सर्वश्रेष्ठ और दूसरों को तुच्छ समझेगा जब तक कि कुदरत का कानून उसको मृत्यु समतुल्य सज़ा न दे दे.
भगवान विष्णु गरुड़ पर बैठ कर कैलाश पर्वत पर गए।
द्वार पर गरुड़ को छोड़ कर खुद शिव से मिलने अंदर
चले गए। तब कैलाश की अपूर्व प्राकृतिक शोभा
को देख कर गरुड़ मंत्रमुग्ध थे कि तभी उनकी नजर
एक खूबसूरत छोटी सी चिड़िया पर पड़ी।
चिड़िया कुछ इतनी सुंदर थी कि गरुड़ के सारे
विचार उसकी तरफ आकर्षित होने लगे।
उसी समय कैलाश पर यम देव पधारे और अंदर जाने से
पहले उन्होंने उस छोटे से पक्षी को आश्चर्य की
द्रष्टि से देखा। गरुड़ समझ गए उस चिड़िया का अंत
निकट है और यमदेव कैलाश से निकलते ही उसे अपने
साथ यमलोक ले जाएँगे।
गरूड़ को दया आ गई। इतनी छोटी और सुंदर
चिड़िया को मरता हुआ नहीं देख सकते थे। उसे अपने
पंजों में दबाया और कैलाश से हजारो कोश दूर एक
जंगल में एक चट्टान के ऊपर छोड़ दिया, और खुद
बापिस कैलाश पर आ गया।
आखिर जब यम बाहर आए तो गरुड़ ने पूछ ही लिया
कि उन्होंने उस चिड़िया को इतनी आश्चर्य भरी
नजर से क्यों देखा था। यम देव बोले "गरुड़ जब मैंने
उस चिड़िया को देखा तो मुझे ज्ञात हुआ कि वो
चिड़िया कुछ ही पल बाद यहाँ से हजारों कोस दूर
एक नाग द्वारा खा ली जाएगी। मैं सोच रहा था
कि वो इतनी जलदी इतनी दूर कैसे जाएगी, पर अब
जब वो यहाँ नहीं है तो निश्चित ही वो मर चुकी
होगी।"गरुड़ समझ गये "मृत्यु टाले नहीं टलती चाहे कितनी भी चतुराई की जाए।"
कोई भी इस दुनिया में अपने जीवन का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाकर आया.किस बात का गुरुर साहब,ये रेत का ढेर है चंद पलों में बिखर जाता है.ठंडा दिमाग और ऊर्जा से भरा हुआ दिल जीवन की सारी उलझन मिटा देते हैं.अगर जिया जाए तो बहुत खूबसूरत है ये जीवन बस शर्त इतनी है कि तलाश दूसरों की खुशी में खुदकी खुशी देखने की हो.
So sweet thanx...
जवाब देंहटाएंअटल सत्य : राम ही तो हैं
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