जीवन को सही रास्ता दिखाने वाली अनमोल बातें


-जो खुशियों को ढूंढते हैं उन्हें खुशियां मिलें या न भी मिलें लेकिन उनके यहां खुशियों की कोई कमी नहीं होती जो दूसरों की झोली खुशियों से भरते हैं. इसलिए हर चीज़ मैं स्वार्थ सिद्ध हो ये एक शर्त हो सकती है पर कुछ खजाने ऐसे भी हैं जिनकी कोई हार्डकॉपी नहीं होती है.

-बहुत गज़ब के किरदार हें ज़माने में, कोई हँसकर अपना बन जाता है, कोई रोकर दूर चला जाता है लेकिन असली किरदार तो पीठ पीछे निभाये जाते हैं, सामने तो हर सख्स प्यार ही जताता है.

-सिर्फ अंको के तराजू में किसी की प्रतिभा को मत तौलिये, आज भी ऐसे उदाहरण हैं जो 10पास हें और बड़ी बड़ी कंपनियों के मालिक हैं, और ग्रेजुएट पोस्ट ग्रेजुएट उनके यहां कतार में लगे हैं.

-प्रगति के कई द्वार हैं यदि नहीं खुले, तो उनको भी खोलिये, हताशा किसे नहीं होती, रुकावट कहाँ नहीं आतीं, यूं हार मानकर जीवन का तिरस्कार करने से अच्छा है एक बार फिरसे मेहनत का सैलाब लाया जाए, अगर मृत्यु सत्य है तो जीवन भी सत्य है,
लेकिन जीवन रहते हुए भी हार मान लेना जीवन का सबसे बड़ा झूठ है. सत्य यही है कि जीवन की आखिरी सांस तक हार तो कभी होती ही नहीं है.

-छोटी छोटी बातों में हम रिश्ते तोड़ने की बात करने लगते हैं, वो ऐसा क्यों है, उसे मेरी बिल्कुल कद्र ही नहीं. सीख तो उस छोटे से बच्चे से लेनी चाहिए जो अपनो की मार खाकर भी अपनों से ही लिपट जाता है, अब ये उसका विश्वास कहो या उसका स्नेह.
-हमेशा अपने रिश्तों को बचाइए ये काम कोई और नहीं करेगा क्योंकि आज इंसान इतना अकेला हो गया है कि इन्सान की कोई फोटो लेने वाला ही नही, सेल्फी लेनी पड़ती है जिसे लोग फैशन भी कह सकते है.

-एक कहावत है जो पानी से नहायेगा वो सिर्फ लिबास बदल सकता है, लेकिन जो पसीने से नहायेगा वो इतिहास बदल सकता है, इसलिए मेहनत बुरी चीज नहीं, बस हम नज़रिया ही खराब किये बैठे हैं. एक पल में हसरत सितारों को छूने की कर लेते हैं दूसरे पल सितारों को ही बुरा कहने लगते हैं.

-जब आप खुदके लिए दूसरों से उपेक्षाये रखना शुरू कर देते हैं, वहीं से जीवन में दु:खों की शुरुआत होना शुरू हो जाती है, क्योंकि ये उपेक्षाये हमारे स्वयं के मन द्वारा बनाई गई होती हैं, और ये जरूरी नहीं कि सामने वाला उस पर खरा उतरेगा.


-घास फूस या बेल हमेशा सहारा लेकर बढ़ती हैं और अंत में नष्ट हो जाती हैं, एक छोटा सा पौधा देखना उसे बढ़ने के लिए या पेड़ बनने के लिए किसी सहारे की जरूरत नहीं पड़ती, इसीलिए किसी और का सहारा लेकर बढ़ना खुदके अस्तित्व को खत्म करने जैसा है. इसलिए उस पल में भी खुद पर भरोसा रखें जब दुनिया में कोई आप पर भरोसा न रखे.

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