मिलावट वाला सच्चा प्यार


मैं जब भी सोशल मीडिया एकाउंट्स खोलकर देखता हूँ तो मैं एक खास बात नोटिस करता हूँ,हर व्यक्ति अपनी अलग अलग पिक्स डालता है,कोई अपनी गाड़ी के साथ कोई अपनी गर्लफ्रेंड या पत्नी के साथ कोई अपने बच्चे के साथ या कोई अपनी बाइक के साथ अगर कोई बड़ा सेलिब्रिटी है तो वो भी लगभग वही कर रहा है,हाँ एक आध सोशल वर्कर्स भी दिख जाते हैं कोई किसी गरीब के साथ उसकी मदद करते दिख जाता है.फिर मैं इन सभी की ज़िंदगी का निचोड़ देखता हूँ कि क्या वे वाकई में जैसे दिख रहे हैं वैसे ही हैं या सिर्फ लोगों का ध्यान खींचने के लिए ऐसा कर रहे हैं।अभी कुछ दिन पहले र.भारत के एक न्यूज एंकर विकास शर्मा की न्यूज़ देखी तो बड़ा दुुख: हुआ कि देखो लोग टीवी पर कितने जोश और ऊर्जा से भरे दिखते हैं और असल जिंदगी में वे कितनी तकलीफ और पीड़ाओं से गुजर रहे हैं वे अपना दुःख आखिर किसे बताएं,अन्ततः निराश और हताश होकर वे दुनिया ही छोड़ जाते हैं।ये सच्चाई है कि कोई व्यक्ति तभी आत्महत्या करता है जब उसके जीने के सारे विकल्प खत्म हो चुके हों,लेकिन जिसके लिए वो आत्महत्या करने वाला होता है क्या उसको फर्क पड़ता है? रत्ती भर भी फर्क नहीं पड़ता.दुनिया का कड़वा सच है,तुम्हारे होने न होने का दुनिया को कोई फर्क नहीं पड़ता,दुनिया तब भी चल रही थी जब तुम न थे.लोग मजाक भी कितना अजीब कर लेते हैं,लड़का लड़की से पूछता है कि तुम मुझे कितना चाहती हो लड़की भी बोल देती है आखिरी साँस तक.लड़के लग गया बस यार यही सच्चा प्यार है.अच्छा खुद कितना भी फ़्लर्ट कर रहे हों लेकिन अपने लिए इनको सच्चा वाला प्यार ही चाहिए,उसमे जरा भी मिलावट नहीं होनी चाहिए.मिलावट से याद आया 100% शुद्ध देशी घी की मिठाइयाँ बस एक यही चीज़ है जिस से पता चलता है कि 100% शुद्ध भी कुछ होता होगा.अगले दिन उसी दुकान पर छापा पड़ गया और सारी मिठाई मिलावटी निकली.कमबख्त मिठाई ही मक्कारी कर गयी होगी,मालिक की कोई गलती नहीं थी वो तो बस एक्सपेरिमेंट करके किसी नई मिठाई का अविष्कार कर रहा था.बिल्कुल ऐसे ही कोई कितना भी फेंके लेकिन शुद्ध कोई नहीं है,सबमें मिलावट है.नए-नए रिश्ते मिठाई की तरह दिखने में एकदम बढ़िया लगते हैं लेकिन आपने ली ही इसीलिए क्योंकि दिखने में बढ़िया लगीं.प्यार के लिए भी चुनाव भी ऐसे ही हुआ,दिखने में अच्छा लगा बस हो गया.बाद में जब परखा तो झटका लगा.एक माँ तो अपने बदसूरत बच्चे को सीने से लगा कर रख सकती है लेकिन अगर आपके निखार में कमी रह गयी तो जान लीजिए.अगर स्वार्थ चाह रखता है तो क्या हुआ,ग्राउंड पर लगता तो नहीं न.क्या करें मिलावट वाला ज़माना है प्यार कहाँ शुद्ध रखा है.

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