रिश्ते अनमोल हैं


गया था तू जहाँ-जहाँ,पहुंचे थे मेरे भी कदमों के निशान,काश कि मैं समझ पाती तेरी वफाई उस दिन, सब कुछ होकर भी आज,खो गए मेरे तीनों जहांन.अब कुछ भी ना मांगूंगी ए खुदा मैं तुझसे,बस एक बार मुझे लौटा दे वह खोया हुआ जहांन.
मुझे अच्छा लगता है जब कहीं बाहर जाते हुए वह मुझसे कहता है रुको मैं तुम्हें ले जाता हूं या मैं तुम्हारे साथ चलता हूं.मुझे अच्छा लगता है जब वह मुझसे एक कदम आगे चलता है गैर महफूज और खतरनाक रास्ते पर उसके पीछे-पीछे उसके छोड़े हुए कदमों के निशान पर चलते हुए एहसास होता है कि उसे मेरा ख्याल खुद से ज्यादा है.मुझे अच्छा लगता है जब किसी सफर पर जाते और वापस आते हुए सामान का सारा बोझ वह अपने दोनों कंधों और सर पर बिना हिचक किए खुद ही बढ़कर उठा लेता है.और उस वक्त उसका यह कहना कि तुम छोड़ दो यह मेरा काम है.मुझे अच्छा लगता है,मुझे बहुत अच्छा लगता है जब रात को मैं सोती हूं और मुझे सर्दी लगती है तो वह चुपचाप चादर मेरे ऊपर डाल दे.मुझे अच्छा लगता है जब वह मेरे सारे गम और आंसू छुपाने के लिए अपना मजबूत कंधा आगे करता है.और हर कदम पर अपने साथ होने का यकीन दिलाता है.मुझे अच्छा लगता है जब खराब हालात में वो मुझे अपनी जिम्मेदारी समझकर मेरे आगे खड़ा हो जाता है और कहता है कि मैं हूँ न.मुझे अच्छा लगता है जब वह मुझे बुरी नजरों से बचकर रहने के लिए समझाता है और अपना हक जताते हुए कहता है कि तुम सिर्फ मेरी हो.
और जब मैं उस पर हक दिखाती हूँ कि मैं भी तुम्हारे बराबर हूं तो हंसकर हो चुपचाप हो जाता है और कहीं दूर जाकर मायूस होकर बैठ जाता है.बराबर होने की वजह से 1 दिन मायूस होकर वह ऊपर की सारी चीजें भूलने लगता है क्योंकि मैं अब सब कुछ कर सकती हूँ तो फिर वे सारे खूबसूरत लम्हे 1-1 कर जिंदगी से कम होते चले जाते हैं,और जिंदगी बेरंग और मतलब होकर अपनी खुशियों खो देती है.
दोस्तों,जिंदगी में कुछ पाना मुश्किल काम नहीं है,मुश्किल है तो उसे हमेशा बनाए रख पाना.हम सब जिंदगी में बस दौड़ रहे हैं कभी न खत्म होने वाली रेस. कभी जीतने के लिए तो कभी दूसरे को हराने के लिए. दौड़ते ही जा रहे हैं.यही सोचकर कि बस कोई हमसे आगे ना निकल जाए.और इसी दौड़ में हम एक दूसरे को प्यार करना भूल जाते हैं.जिंदगी तो एक फूल की तरह होती है, कुछ लोग दूसरों को सिखाते हैं,कुछ लोग दूसरों से सीखते हैं,मुझे नहीं पता कौन सही सीखता है. पर दोस्तों जिंदगी में सबकुछ खोकर ही सीखना पड़े ऐसा मौका कभी न आने दें.आज से,अभी से अपने रिश्ते की कद्र करें.क्योंकि रिश्ते ताक़त और गुस्से से नहीं वल्कि मुस्कुराहट,प्यार और एक दूसरे की भावनाओं को समझने से चलते हैं.और इनमें एक बार दरार पड़ गयी तो फिर कभी पहले जैसे नहीं हो पाते.
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