पिता की उम्मीद और बेटे के लिए सबक:An inspirational story
ये एक ऐसे युवा की कहानी है जिसने दुनिया की परवाह न करते हुए अपने पिता को सहारा दिया.
एक लड़का अपने पिता को बहुत चाहता था,उसे अपने ऑफिस में प्रमोशन मिला तो उसने अपने पिता को बाहर खाने पर ले जाने की योजना बनाई.वह जानता था कि उसके पिता बहुत कमजोर हो गए हैं,पर उसे ये भी पता था कि उसके पिता को कभी बाहर का खाना बहुत पसंद था.अपने पिता को लेकर वह एक फाइव स्टार होटल में पहुँचा जहां मद्धिम रोशनी थी और धीमा संगीत बज रहा था.काफी लोग मौजूद थे.लड़के के पिता के लिए ये शाम अद्भुत थी,उनकी खुशी चेहरे पर झलक रही थी.अब खाना खाने की बारी आई तो वे घबरा गए.हाँथ कांपने की वजह से खाना उनकी शर्ट पर पेंट पर गिरने लगा,उन्हें बेहद शर्मिन्दगी महसूस होने लगी,तभी उनके हाथ से चम्मच छूटकर जोर से आवाज़ करते हुए नीचे गिर गई.आसपास के लोगों का ध्यान उनकी तरफ आकर्षित हो गया.सब उनकी तरफ देख मुँह बनाने लगे.लड़का चुपचाप अपनी जगह से उठकर पिता के पास बैठ गया.उसने उनका मुँह साफ किया,कपड़े पोंछे और धीरे से उन्हें उठाकर बाथरूम ले गया.पिता ने कहा,मुझे माफ करना बेटा.आज मेरी वजह से तुम्हें बहुत शर्मिन्दगी झेलनी पड़ी.लड़का बोला,क्यों पापा?जब मैं छोटा था और ऐसे ही सारा खाना गिरा दिया करता था तो आप शर्मिंदा होते थे क्या?यह सुनकर पिता का चेहरा खुशी से खिल उठा.वहाँ मौजूद सभी लोग उन दोनों को ही देखे जा रहे थे.बिल चुकाने के बाद वह अपने पिता के साथ बाहर निकल ही रहा था कि पीछे बैठे एक सज्जन ने कहा,सुनिए.आप कुछ छोड़े जा रहे हैं.लड़के ने अपनी जेबें टटोलने के बाद कहा,नहीं तो.वह सज्जन बोले,आप यहाँ मौजूद हर पिता के लिए एक उम्मीद और हर बेटे के लिए एक सबक छोड़े जा रहे हैं.बच्चे माँ बाप की उम्मीद होते हैं इसलिए बुजुर्गों का हमेशा सम्मान करना चाहिए.
जब मैंने अखबार में इस कहानी को पढ़ना प्रारंभ किया तो लगा ये साधारण है लेकिन जब आगे पड़ता गया और अंत तक पहुँचा तो निश्चय ही ये काफी प्रेरणादायक कहानी निकली जिसने मेरे अंतर्मन को छू लिया और मैं इसे शेयर करने से खुदको न रोक सका.किसी का भी हृदय परिवर्तन करने के लिए ये न सिर्फ एक अच्छी कहानी है वल्कि एक सीख भी है.
Post a Comment