बातें जो निराश जीवन को खुशियों से भर दें:Motivational thoughts by Kuldeep Singh
पानी हमें कितना कुछ सिख देता है,पानी को कितना भी गर्म कर लें पर वह थोड़ी देर बाद अपने मूल स्वभाव में आकर शीतल हो जाता हैं.इसी प्रकार हम कितने भी क्रोध में, भय में, अशांति में रह लें, थोड़ी देर बाद-बोध में, निर्भयता में और प्रसन्नता में हमें आना ही होगा क्योंकि यही हमारा मूल स्वभाव है.कोई भी व्यक्ति हर समय प्रसन्न रहकर तो जी सकता है परंतु क्रोध से नहीं,क्रोध करने वाले मनुष्य उस सूखे पेड़ के समान हैं, आंधी आने पर जिसकी स्वयं की टहनियां टूट जाती हैं.कहने को तो एक शब्द भर होते हैं ये रिश्ते लेकिन निभाने और मनाने में उम्र बीत जाती है.कुछ बोलने और तोड़ने में केवल एक पल लगता है जबकि बनाने और मनाने में पूरा जीवन लग जाता है,प्रेम सदा माफ़ी माँगना पसंद करता है,और अहंकार सदा माफ़ी सुनना पसंद करता है.कभी कभी रिश्तों को बचाने के लिए माफी भी मांग लिया कीजिये साहब,हर बार आप सही हो ये प्रमाडित होकर कोनसा स्वर्णपदक मिल जाएगा आपको.जहां विश्वास है वहां प्रमाण देने की आवश्यकता नहीं,आखिर गीता पर भी कहाँ श्रीकृष्ण के दस्तखत हैं.अर्थ ये है कि सबूत के साथ केस लड़े जाते हैं रिश्ते तो विस्वास की ही डोर से चलते आये हैं.मुस्कुराने के जीवन में कितने फायदे हैं,अगर आप एक अध्यापक हैं और जब आप मुस्कुराते हुए कक्षा में प्रवेश करेंगे तो देखिये सारे बच्चों के चेहरों पर मुस्कान छा जाएगी.और गुस्से में प्रवेश करेंगे तो बच्चे भी बाद में यही कहेंगे कि हमें उन टीचर की क्लास में पड़ना अच्छा नहीं लगता.अगर आप डॉक्टर हैं और मुस्कराते हुए मरीज का इलाज करेंगे तो मरीज का आत्मविश्वास दोगुना हो जायेगा और आप जानते ही हें कि लोग डॉक्टर को भगवान का स्वरूप देते हैं.अगर आप एक ग्रहणी है तो मुस्कुराते हुए घर का हर काम किजिये फिर देखना पूरे परिवार में खुशियों का माहौल बन जायेगा.अगर आप घर के मुखिया है तो मुस्कुराते हुए शाम को घर में घुसेंगे तो देखना पूरे परिवार में खुशियों का माहौल बन जायेगा.अगर आप एक बिजनेसमैन हैं और आप खुश होकर कंपनी में घुसते हैं तो देखिये सारे कर्मचारियों के मन का प्रेशर कम हो जायेगा और माहौल खुशनुमा हो जायेगा.अगर आप दुकानदार हैं और मुस्कुराकर अपने ग्राहक का सम्मान करेंगे तो ग्राहक खुश होकर आपकी दुकान से ही सामान लेगा.कभी सड़क पर चलते हुए अनजान आदमी को देखकर मुस्कुराएं,देखिये उसके चेहरे पर भी मुस्कान आ जाएगी.मुस्कुराइए,क्यूंकि मुस्कराहट के पैसे नहीं लगते ये तो ख़ुशी और संपन्नता की पहचान है.मुस्कुराइए, क्यूंकि आपकी मुस्कराहट कई चेहरों पर मुस्कान लाएगी.मुस्कुराइए,क्यूंकि ये जीवन आपको दोबारा नहीं मिलेगा.मुस्कुराइए,क्योंकि क्रोध में दिया गया आशीर्वाद भी बुरा लगता है और मुस्कुराकर कहे गए बुरे शब्द भी अच्छे लगते हैं,हें न.ये वैसा ही है कि दोस्त कितनी गालियां आपको हँसहकर दे जाते हैं फिर भी आप उन्हें बहुत प्यार करते हैं.क्यों सही है न.इसलिए मुस्कुराइए ,क्योंकि दुनिया का हर आदमी खिले फूलों और खिले चेहरों को पसंद करता है.मुस्कुराइए,क्योंकि आपकी हँसी किसी की ख़ुशी का कारण बन सकती है.मुस्कुराइए,क्योंकि परिवार में रिश्ते तभी तक कायम रह पाते हैं जब तक हम एक दूसरे को देख कर मुस्कुराते रहते है और सबसे बड़ी बात मुस्कुराइए, क्योंकि यह मनुष्य होने की पहचान है,इसे खोईए मत.एक पशु कभी भी मुस्कुरा नही सकता,गुस्सा हो सकता है और रो सकता है.इसलिए स्वयं भी मुस्कुराए और औराें के चहरे पर भी मुस्कुराहट लाएं,यही जीवन है.आनंद ही जीवन है.बिखरने दो होंठों पे हंसी के फुहारों को,प्यार से बात कर लेने से,जायदाद कम नहीं होती है.गुजरते लम्हों में,सदियां तलाश करता हूँ.
ये मेरी प्यास है नदियां तलाश करता हूँ,यहाँ तो लोग गिनाते हैं खूबियां अपनी,मैं अपने आप में कमियां तलाश करता हूँ.यदि आप दूसरों में खुशियाँ तलाशते हैं तो आप अकेले हो सकते हैं पर इन्हें खुद में तलाशेंगे तो अकेले रहने पर भी आप खुश रह सकते हैं.कामयाब होने के लिये मेहनत पर यकीन करना होगा किस्मत तो जुए में आजमाई जाती है.अच्छा कार्य करने के लिए दूसरों को सुझाव देने वाले तो बहुत होते हैं किंतु खुद अच्छा काम करने में रुचि लेने वाले बहुत कम.प्रेम या सम्मान का भाव सिर्फ उन्हीं के प्रति रखिएगा,जो आपके मन की भावनाओं को समझते हैं,कहते है कि जलो वहाँ जहाँ जरूरत हो,उजालों में चिरागों के मायने नहीं होते.रिश्ते कहने में तो आसान लगते हैं लेकिन उतना ही मुश्किल है उन्हें निभाना,एक इंसान के लिए सबसे ज्यादा महत्व उसके आत्मसम्मान और स्वाभिमान का होता है,जिसके लिए वो जीता है,हर रिश्ते की अपनी मर्यादा होती है। जिन रिश्तों में मर्यादाओं का उल्लंघन हो जाता है,वे रिश्ते समाप्त हो जाते हैं.फिर कोई कितना भी जोर लगा ले वे टूटकर बिखर जाते हैं.मनुष्य पैसों के अभाव में गरीब नहीं होता बल्कि सही मायनों में वह गरीब तब होता है जब उसकी आंखों में सपने और मन में उन्हें साकार करने की संकल्पशक्ति न हो.वक़्त के भी अजीब किस्से हैं;
किसी का कटता नहीं और किसी के पास होता नहीं.
जिस प्रकार कमजोर नीव पर ऊँचा मकान खड़ा नहीं किया जा सकता ठीक इसी प्रकार यदि विचारो में उदासीनता अथवा कमजोरी हो तो जीवन की गति कभी भी उच्चता की ओर नहीं हो सकती.निराशा का अर्थ ही लड़ने से पहले हार स्वीकार कर लेना है और एक बात याद रख लेना निराश जीवन मे कभी भी प्रसन्नता का प्रवेश नही हो सकता और जिस जीवन में हास ही नहीं उसका विकास कैसे संभव हो सकता है?जीवन रूपी महल में उदासीनता और निराशा ऐसी दो कच्ची ईटें हैं, जो कभी भी इसे ढहने अथवा तबाह करने के लिए पर्याप्त हैं।इसलिए आत्मबल रूपी ईट जितनी मजबूत होगी जीवन रूपी महल को भी उतनी ही भव्यता व उच्चता प्रदान की जा सकेगी.खास हैं वो लोग इस दुनिया में जो वक्त आने पर वक्त दिया करते हैं.अक्सर लोग कहते हैं की पैसा सम्भाल कर रखो बुरे वक्त पर काम आयेगा पर अक्सर लोग यह भूल जाते है कि रिश्ते सम्भाल कर रखे तो बुरा वक्त यूं ही गुजर जायेगा.लोगों को भरपूर सम्मान दीजिये इसलिए नहीं कि उनका अधिकार है,बल्कि इसलिए कि आपमें संस्कार हैं.ज़िन्दगी हमें हमेशा दूसरा मौका देती है, जिसे कल कहते हैं,इसलिए असफलता से निराश न हों और अपने प्रयास जारी रखें,सफलता हासिल करना कठिन तो है किन्तु असम्भव नहीं. इसीलिए कहा भी जाता है कि उम्मीद उस दीपक की तरह है जो घने अन्धकार में भी उजाला पैदा कर देता है.
ये मेरी प्यास है नदियां तलाश करता हूँ,यहाँ तो लोग गिनाते हैं खूबियां अपनी,मैं अपने आप में कमियां तलाश करता हूँ.यदि आप दूसरों में खुशियाँ तलाशते हैं तो आप अकेले हो सकते हैं पर इन्हें खुद में तलाशेंगे तो अकेले रहने पर भी आप खुश रह सकते हैं.कामयाब होने के लिये मेहनत पर यकीन करना होगा किस्मत तो जुए में आजमाई जाती है.अच्छा कार्य करने के लिए दूसरों को सुझाव देने वाले तो बहुत होते हैं किंतु खुद अच्छा काम करने में रुचि लेने वाले बहुत कम.प्रेम या सम्मान का भाव सिर्फ उन्हीं के प्रति रखिएगा,जो आपके मन की भावनाओं को समझते हैं,कहते है कि जलो वहाँ जहाँ जरूरत हो,उजालों में चिरागों के मायने नहीं होते.रिश्ते कहने में तो आसान लगते हैं लेकिन उतना ही मुश्किल है उन्हें निभाना,एक इंसान के लिए सबसे ज्यादा महत्व उसके आत्मसम्मान और स्वाभिमान का होता है,जिसके लिए वो जीता है,हर रिश्ते की अपनी मर्यादा होती है। जिन रिश्तों में मर्यादाओं का उल्लंघन हो जाता है,वे रिश्ते समाप्त हो जाते हैं.फिर कोई कितना भी जोर लगा ले वे टूटकर बिखर जाते हैं.मनुष्य पैसों के अभाव में गरीब नहीं होता बल्कि सही मायनों में वह गरीब तब होता है जब उसकी आंखों में सपने और मन में उन्हें साकार करने की संकल्पशक्ति न हो.वक़्त के भी अजीब किस्से हैं;
किसी का कटता नहीं और किसी के पास होता नहीं.
जिस प्रकार कमजोर नीव पर ऊँचा मकान खड़ा नहीं किया जा सकता ठीक इसी प्रकार यदि विचारो में उदासीनता अथवा कमजोरी हो तो जीवन की गति कभी भी उच्चता की ओर नहीं हो सकती.निराशा का अर्थ ही लड़ने से पहले हार स्वीकार कर लेना है और एक बात याद रख लेना निराश जीवन मे कभी भी प्रसन्नता का प्रवेश नही हो सकता और जिस जीवन में हास ही नहीं उसका विकास कैसे संभव हो सकता है?जीवन रूपी महल में उदासीनता और निराशा ऐसी दो कच्ची ईटें हैं, जो कभी भी इसे ढहने अथवा तबाह करने के लिए पर्याप्त हैं।इसलिए आत्मबल रूपी ईट जितनी मजबूत होगी जीवन रूपी महल को भी उतनी ही भव्यता व उच्चता प्रदान की जा सकेगी.खास हैं वो लोग इस दुनिया में जो वक्त आने पर वक्त दिया करते हैं.अक्सर लोग कहते हैं की पैसा सम्भाल कर रखो बुरे वक्त पर काम आयेगा पर अक्सर लोग यह भूल जाते है कि रिश्ते सम्भाल कर रखे तो बुरा वक्त यूं ही गुजर जायेगा.लोगों को भरपूर सम्मान दीजिये इसलिए नहीं कि उनका अधिकार है,बल्कि इसलिए कि आपमें संस्कार हैं.ज़िन्दगी हमें हमेशा दूसरा मौका देती है, जिसे कल कहते हैं,इसलिए असफलता से निराश न हों और अपने प्रयास जारी रखें,सफलता हासिल करना कठिन तो है किन्तु असम्भव नहीं. इसीलिए कहा भी जाता है कि उम्मीद उस दीपक की तरह है जो घने अन्धकार में भी उजाला पैदा कर देता है.
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